सुप्रीम कोर्ट में आज फिर एक बार वक्फ संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हो गई है. अदालत अंतरिम आदेश जारी करने के सवाल पर सुनवाई कर रही है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की पीठ इस विषय को सुन रही है. कल पौने चार घंटे तक याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए वकीलों ने कानून में दसियों खामियां गिनवाईं. आज सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता बचाव करते दिख रहे हैं.
केंद्र सरकार की ओर से एसजी मेहता ने आज दलील देने की शुरूआत कुछ यूं किया कि जिन व्यक्तियों द्वारा जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं, उनमें से कोई प्रभावित पक्ष या व्यक्ति नहीं है. संसद के पास विधायी क्षमता है या नहीं, ये सवाल ही नहीं है. यही एकमात्र आधार था जिस पर पहले किसी कानून पर रोक लगाई गई थी. मैं ये कहना चाहता हूं कि कुछ याचिकाकर्ता पूरे मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकतीं.
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