क्लीनिक खोला, 125 लोगों की निकलवा दीं किडनियां…मर्डर कर भूल जाता; देवेंद्र शर्मा के ‘डॉक्टर डेथ’ बनने की कहानी?
राजस्थान दौसा के एक आश्रम में प्रवचन करते गिरफ्तार डॉक्टर डेथ उर्फ देवेंद्र शर्मा की कहानी ना केवल फिल्मी है, बल्कि काफी हैरतंगेज भी है. मूल रूप से यूपी के अलीगढ़ में पैदा हुए देवेंद्र शर्मा के पिता फार्मासिस्ट थे और बिहार के सिवान स्थित एक फार्मा कंपनी में नौकरी करते थे. इसलिए देवेंद्र का पालन पोषण भी सिवान में ही हुआ. पिता चाहते थे कि देवेंद्र डॉक्टर बने, लेकिन यह एमबीबीएस का एंट्रेंस नहीं पास कर पाया. ऐसे में इसने बिहार से ही बीएएमएस की पढ़ाई की और फिर राजस्थान के दौसा में आकर जनता क्लीनिक के नाम से अपना अस्पताल खोल लिया.
चूंकि अस्पताल के धंधे में उसे अच्छी कमाई नहीं होती थी, इसलिए क्लीनिक के साथ गैस एजेंसी की डीलरशिप ले ली. इसमें भी घाटा होने लगा तो इसने कुछ दिनों तक टॉवर लगाने के नाम पर ठगी की. साल 1998 में यह गुरुग्राम के कुख्यात किडनी ट्रांसप्लांट गिरोह के सरगना डॉ. अमित के संपर्क में आया फिर मानव अंगों की तस्करी में जुट गया था. इसने खुद पुलिस की पूछताछ में बताया था कि उसने डॉ. अमित को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए 125 डोनर उपलब्ध कराए थे.
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