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नीतीश-बीजेपी ने कानून व्यवस्था का अंतिम संस्कार किया… सुबह-सुबह क्यों भड़के लालू?

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बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे सियासी पारा चढ़ता जा रहा है. राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे को घेरने में लगी हुई हैं. इस बीच आरजेडी के मुखिया व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने राज्य में बढ़ते क्राइम ग्राफ को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथ लिया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार और बीजेपी ने कानून व्यवस्था का अंतिम संस्कार कर दिया है.

लालू यादव ने मंगलवार सुबह ट्वीट करते हुए लिखा, ‘नीतीश बताएं कि शाम पांच बजे से पहले घर में घुसकर ही कितनी हत्याएं हो रही है? क्या नीतीश जानते, पहचानते व समझते हैं कि उनके शासनकाल में आधिकारिक आंकड़ों में 65,000 हत्याएं हुई हैं? नीतीश-बीजेपी ने विधि व्यवस्था का दम ही नहीं निकाला बल्कि उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया है. बिहार में इतनी भ्रष्ट, लापरवाह और कामचोर पुलिस कभी भी नहीं रही.’

वहीं, बिहार की राजधानी में बदमाशों के हौसले बुलंद हैं. अपराधियों ने दो अज्ञात बाइक सवारों की गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया है. यह घटना मझौली-सिंघाड़ा मार्ग पर हुई है. पुलिस ने दोनों के शव को बरामद कर लिया है और पूरे मामले की जांच में जुट गई है. आरोपी मौके से फरार हो गए हैं. इसके अलावा बीते दिन सोमवार को रिटायर्ड नर्स और उसकी बेटी की हत्या कर दी गई थी.

क्या कहते हैं बिहार में क्राइम के आंकड़े?

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, बिहार प्रति लाख जनसंख्या के आधार पर बिहार हत्या के मामलों में 14वें स्थान पर है. 2022 में, बिहार में कुल संज्ञेय अपराध दर प्रति एक लाख जनसंख्या पर 277.1 थी, जबकि राष्ट्रीय औसत 422.2 था. इस मीट्रिक में बिहार 19वें स्थान पर है. भारतीय दंड संहिता के तहत बिहार की अपराध दर 168.1 थी, जिसने राज्य को 21वें स्थान पर रखा. 2021 में, 69.73 प्रतिशत अपराध व्यक्तिगत दुश्मनी, अवैध संबंध या विवाद से जुड़े थे. 2022 में यह बढ़कर 71.20 प्रतिशत हो गया और 2023 में यह और बढ़कर 73.69 प्रतिशत हो गया.

पुलिस का कहना है कि कुछ बड़े राज्यों की तुलना में बिहार में अपराध दर कम है. आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय संज्ञेय अपराध दर 422, आंध्र प्रदेश में 368.2, छत्तीसगढ़ में 404.2, गुजरात में 738.9, हरियाणा में 810.4, केरल में 1274.8, मध्य प्रदेश में 569.3, महाराष्ट्र में 443.0, ओडिशा में 386.7, राजस्थान में 388.8, तमिलनाडु में 617.2, उत्तर प्रदेश में 322.0 और बिहार में 277.1 है. बिहार पुलिस ने ये आंकड़े प्रति लाख जनसंख्या के आधार पर बताए हैं.

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