कांग्रेस ने जारी किए पिछले साल के आंकड़े, भोपाल में बलात्कार के 330 तो इंदौर में 319 मामले
इंदौर। भोपाल बलात्कार के मामले में अव्वल रहा और यहां 330 मामले दर्ज किए गए, वहीं स्वच्छता में पूरे भारत में डंका बजाने वाला इंदौर दूसरे नंबर पर रहा है। यहां पिछले साल बलात्कार l के 319 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इसको लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाया कि प्रदेश को आखिर किस ओर ले जाया जा रहा है?
क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों में पहले ही प्रदेश कई अपराधों के मामले में अव्वल रहा है। इसलिए इंदौर और भोपाल जैसे शहरों में पुलिस कमिश्नरी की शुरुआत की गई है। कांग्रेस के प्रदेश सचिव राकेशसिंह यादव ने बताया कि महिला प्रताडऩा में इंदौर नंबर वन पर आया है। पिछले साल 2021 में इंदौर में 683 मामले महिला प्रताडऩा के दर्ज हुए हैं। यहां भोपाल दूसरे नंबर पर है, जहां 633, जबलपुर में 324 तो ग्वालियर में 641 मामले दर्ज हुए हैं। राजधानी भोपाल में सबसे ज़्यादा बलात्कार के 330 मामले हैं। इसी तरह इंदौर में 319, ग्वालियर में 239, जबलपुर में 230 मामले हैं। दहेज के मामले में महिलाओं को प्रताडऩा देने के मामले में इंदौर भी नंबर वन पर है, जहां 27 मामले दर्ज हुए हैं तो ग्वालियर में 26 और भोपाल में 24 मामलों में कायमी की गई है। बलात्कार के मामले में राजधानी भोपाल अव्वल है। यहां पिछले साल 330 मामले दुष्कर्म के हुए हैं, जिसमें प्रकरण दर्ज किया गया। दूसरे नंबर पर इंदौर हैं, जहां 319 मामले तो तीसरे नंबर पर ग्वालियर, जहां 239 और जबलपुर में 230 मामले दर्ज किए गए। ये सभी आंकड़े मध्यप्रदेश पुलिस की वेबसाइट पर मौजूद है। यादव ने कहा कि इससे साबित होता है कि प्रदेश किस ओर जा रहा है। इसको लेकर कांग्रेस अब पोस्टर बनवा रही है और लोगों के बीच जाकर बताएगी कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की क्या स्थिति है।