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मध्य प्रदेश में सरकारी डॉक्टरों को मिलेगा ज्यादा वेतन, मोहन यादन ने गिनाई 2 साल की उपलब्धियां

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भोपाल: ”जिस प्रकार से समय बदला है और समय के साथ उर्जा के क्षेत्र में सबसे सस्ती बिजली मध्य प्रदेश दे रहा है. बिजली में ऐसे-ऐसे नए प्रयोग हुए हैं कि लोग भैंचक्के होकर देख रहे हैं कि ये मध्य प्रदेश में क्या हो रहा है. हमारा सबसे लोएस्ट रेट बिजली में गया.” यह बात प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कही है. शुक्रवार को राज्य सरकार के दो साल का कार्यकाल पूरा होने पर सीएम मोहन यादव ने राजधानी के कुशाभाऊ इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में सरकार की उपलब्धियां गिनाई है. इस दौरान उन्होंने बीते दो सालों के साथ आने वाले भविष्य को लेकर भी खुलकर चर्चा की.

6-6 महीने एमपी और यूपी को मिलेगी बिजली

सीएम ने कहा कि, ”बिजली में ऐसे-ऐसे नए प्रयोग हुए हैं कि लोग भौचक्के होकर देख रहे हैं कि ये मध्य प्रदेश में क्या हो रहा है. हमारा सबसे लोएस्ट रेट बिजली में गया. हमारे प्रदेश में ओंकारेश्वर, आगर और नीमच में सोलर पार्क की स्थापना की गई है. नीमच में 2 हजार मेगावाट का सोलर प्रोजेक्ट लगाया गया है. वो भी कंपोजिट प्रोजेक्ट है. यानि यह प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश दोनों राज्यों के सहयोग से स्थापित किया जा रहा है.”

पानी के बाद अब बिजली की अदला-बदली

सीएम मोहन यादव ने कहा, ”इस सोलर प्रोजेक्ट से 6 महीने मध्य प्रदेश और 6 महीने उत्तर प्रदेश को बिजली मिलेगी. पानी की अदला-बदली के साथ हम दूसरे राज्यों के साथ बिजली की साझेदारी भी कर रहे हैं. मुरैना के बीहड़ वाले जंगलों का बेहतर इस्तेमाल उर्जा के क्षेत्र में कैसे किया जा सकता है, इस पर भी विचार किया जा रहा है.

उज्जैन में शिप्रा नदी के पानी से होगा स्नान

सीएम ने बताया कि “उज्जैन में शिप्रा नदी का पानी पहले उपलब्ध नहीं था. जिससे श्रद्धालुओं को स्नान करने में समस्या होती थी. पिछली बार भी सिंहस्थ के दौरान साधु-संतों ने मटमैले पानी से स्नान किया था. लेकिन इस बार सिंहस्थ की व्यवस्था जल संसाधन विभाग ने कर दी है. 800 करोड़ रुपये की योजना तैयार किया गया है. जिससे शिप्रा का पानी उज्जैन में लाने की तैयारी है. दो राज्यों के बीच आपसी सहमति से नदी जोड़ने का अभियान भी शुरु किया गया है. इसके तहत गंभीर और खान नदी को जोड़ते हुए जमीन के नीचे टनल बनाकर जोड़ने का काम किया गया है. जिसके ऊपर खेती होगी और नीचे जलधारा बहेगी.”

उन्होंने आगे बताया कि “कुछ दिन पहले स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा की थी. इस दौरान डाक्टरों की कमी को लेकर भी चर्चा हुई थी. जिस रफ्तार से प्रदेश में मेडिकल कालेज बढ़ रहे हैं, उसी तेजी से हमको मैन पावर भी चाहिए. हेल्थ सेक्टर में एक्सपर्ट नहीं मिलने की चुनौती सरकार के सामने है, लेकिन अब हमने तय किया है कि प्राइवेट सेक्टर से अधिक वेतन देकर विशेषज्ञ डॉक्टरों को सरकारी सेवाओं में लिया जाएगा. कार्यकाल के दो साल के भीतर भोपाल और इंदौर को मेट्रोपोलिटन शहर बनाने की घोषणा करने के साथ काम भी शुरू कर दिया है.”

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