पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया है। दरअसल, UNSC की बैठक में हिस्सा लेने गए भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ओसामा बिन लादेन की पाकिस्तान में मौजूदगी को लेकर तंज कसा था। अब बिलावल ने इसका जवाब दिया। बिलावल ने गुजरात दंगों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयान दिया। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी और बढ़ जाएगी। दरअसल, पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने यूएनएससी की एक बैठक के बाद कश्मीर मुद्दे को उठाया था। उनकी टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जयशंकर ने कहा था, ‘दुनिया जिसे अस्वीकार्य मानती है, उसे सही ठहराने का सवाल ही नहीं उठना चाहिए। यह निश्चित रूप से सीमा पार आतंकवाद के राज्य प्रायोजन पर लागू होता है। न ही ओसामा बिन लादेन की मेजबानी करना और पड़ोसी देश की संसद पर हमला करना इस परिषद के सामने उपदेश देने के लिए प्रमाणिकता के रूप में काम कर सकता है।’ इसके जवाब में बिलावल ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के विदेश मंत्री RSS (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) से आते हैं। यह वही RSS है जो हिटलर से प्रेरित है। बिलावल ने यह भी कहा कि किस तरह अमेरिका ने एक समय नरेंद्र मोदी को विजा देने से इन्कार कर दिया था।
जानें क्या था हिटलर का ‘SS’, बिलावल ने क्यों किया इसका जिक्र
अपने आपत्तिजनक बयान में बिलावल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तुलना हिटलर के SS से की है। आपको बता दें कि Schutzstaffel (SS)जर्मनी में एडोल्फ हिटलर की नाजी पार्टी का अर्धसैनिक संगठन था। यह अर्धसैनिक संगठन जर्मनी के शक्तिशाली संगठनों में से एक था। जर्मनी में 1945 में नाजी पार्टी के सत्ता में रहने तक Schutzstaffel संगठन पर जर्मनी के कब्जे वाले यूरोप के भीतर सुरक्षा, निगरानी की जिम्मेदारी थी। यह संगठन यातना शिविर और सामूहिक रूप से संहारक गतिविधियों में भी शामिल था।
पाकिस्तानी पत्रकार को एस. जयशंकर का जवाब, अपने मंत्री से पूछो
यूएनएससी में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पाकिस्तान पत्रकार ने पूछा कि आतंकवाद के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान एक दूसरे पर आरोप लगाते हैं, लेकिन सवाल यह है कि यह सिलसिला कब थमेगा? इस पर भारत के विदेश मंत्री ने जवाब दिया, ‘आप गलत आदमी से यह सवाल पूछ रहे हैं। आपको अपने देश के मंत्रियों से यह सवाल पूछना चाहिए कि पाकिस्तान, भारत में आतंकवाद फैलाना कब बंद करेगा।