सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि जून 2021 में सशस्त्र बलों में अन्य सभी भर्तियों को रोकने और उन्हें रद्द नहीं करने का निर्णय इसलिए लिया गया था क्योंकि तब तक अग्निपथ योजना को अंतिम रूप नहीं दिया गया था। केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि अग्निपथ योजना को इस साल जून में अंतिम रूप देकर आधिकारिक राजपत्र के जरिए अधिसूचित किया गया था।
चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने याचिकाकर्ताओं के वकील और केंद्र सरकार को 23 दिसंबर तक लिखित दलीलें दाखिल करने को कहा है जिसके बाद अदालत में शीतकालीन अवकाश होगा।

इस साल 14 जून को शुरू की गई अग्निपथ योजना के तहत सशस्त्र बलों में युवकों की भर्ती के लिए नियम निर्धारित किए गए हैं। इन नियमों के अनुसार साढ़े 17 से 21 वर्ष की उम्र के लोग आवेदन करने के पात्र हैं। उन्हें चार साल के लिए सशस्त्र बलों में भर्ती किया जाएगा।