Breaking
दिल्ली चुनाव में कांग्रेस की असली विपक्ष AAP क्यों? इन 5 आंकड़ों में छिपा है राज ‘मोबाइल से दूर रहो…’ रोका तो बेटे ने घर में लगा ली फांसी, मौत की खबर सुनते ही पिता ने भी दे दी जान जेईई एडवांस में 5 से 18 नवंबर तक इंजीनियरिंग कोर्स छोड़ने वाले छात्रों को मिलेंगे 3 मौके, सुप्रीम को... महाकुंभ मेले में प्री-बुकिंग कर सकेंगे पार्किंग स्थल, फास्टैग से होगी पेमेंट; जानिए कहां-कहां खड़े क... अयोध्या: 110 नए VIP मेहमान, जर्मन हैंगर टेंट, सोने-चांदी के धागों से बने कपड़े…रामलला प्राण प्रतिष्ठ... नौकरियों का झांसा देकर वोट मांग रहे हैं परवेश वर्मा, उनके घर रेड की जाए… CEC से केजरीवाल की मांग वीकेंड पर मसूरी, मनाली और शिमला जाने का बना रहे हैं प्लान? जाने से पहले जरूर पढ़ें मौसम का ये अपडेट ‘पुराने सिक्के दो, पैसे लो…’, लालच देकर महिला को किया डिजिटल अरेस्ट, 3 साइबर ठग अरेस्ट कबूतरों का हत्यारा पड़ोसी, गर्दन मरोड़कर 28 को मारा; किस बात की थी खुन्नस? जनता के लिए GST का मतलब ‘गृहस्थी सत्यानाश टैक्स’ हो गया है… प्रियंका गांधी का सरकार पर हमला

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पीएसी के 43 जवानों की उम्रकैद की सजा की रद्द

Whats App

लखनऊ| इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने 1991 के पीलीभीत मुठभेड़ मामले में 43 प्रोविंशियल आम्र्ड कांस्टेबुलरी (पीएसी) कर्मियों को निचली अदालत द्वारा सुनाई गई उम्रकैद की सजा को रद्द कर दिया है। गौरतलब है कि मुठभेड़ में 10 सिखों की मौत हो गई थी। हालाकि उच्च न्यायालय ने उन्हें आईपीसी की धारा 304 (भाग 1) के तहत दोषी ठहराया, उन्हें सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और प्रत्येक पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।

लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने 4 अप्रैल, 2016 को पीएसी के 47 कर्मियों को दोषी ठहराते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। कर्मियों ने इस अदालत के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। न्यायालय में अपील के लंबित रहने के दौरान चार आरोपियों की मौत हो गई।

न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति सरोज यादव की खंडपीठ ने कहा, ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित 4 अप्रैल, 2016 को 43 पीएसीकर्मियों को दी गई सजा रद्द की जाती है।

अदालत ने कहा, हालांकि यह अदालत अपीलकर्ताओं को आईपीसी की धारा 304 (भाग 1) के तहत दोषी ठहराती है और प्रत्येक को 10 हजार रुपये जुर्माने के साथ सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाती है।

कोर्ट ने इस साल 29 अगस्त को मामले की सुनवाई पूरी कर आदेश सुरक्षित रख लिया था।

अदालत ने कहा, पुलिस का यह कर्तव्य नहीं है कि वे आरोपी को केवल इसलिए मार दें क्योंकि वह एक खूंखार अपराधी है। पुलिस को आरोपी को गिरफ्तार करना होगा और अदालत में पेश करना होगा।

अदालत ने कहा कि पुलिस ने उन्हें कानून द्वारा प्रदान की गई शक्ति से अधिक सक्रियता दिखाई, जो 10 सिखों की मौत का कारण बना।

गौरतलब है कि पीएसी के जवानों ने 12 जुलाई 1991 को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में तीर्थ यात्रा पर सिखों को ले जा रही एक बस को रोक लिया था और मुठभेड़ मे उसमें सवार 10 यात्रियों की मौत हो गई थी। इस दौरान गायए हुए बच्चे का आज तक पता नहीं चल सका है।

सीबीआई की जांच में कहा गया था कि 57 जवानों ने फर्जी एनकाउंटर किया था। सीबीआई की पूछताछ के दौरान 10 आरोपियों की मौत हो गई थी।

सीबीआई की विशेष अदालत ने 4 अप्रैल, 2016 को 47 आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

सभी दोषियों ने विशेष सीबीआई अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

दिल्ली चुनाव में कांग्रेस की असली विपक्ष AAP क्यों? इन 5 आंकड़ों में छिपा है राज     |     ‘मोबाइल से दूर रहो…’ रोका तो बेटे ने घर में लगा ली फांसी, मौत की खबर सुनते ही पिता ने भी दे दी जान     |     जेईई एडवांस में 5 से 18 नवंबर तक इंजीनियरिंग कोर्स छोड़ने वाले छात्रों को मिलेंगे 3 मौके, सुप्रीम कोर्ट का आदेश     |     महाकुंभ मेले में प्री-बुकिंग कर सकेंगे पार्किंग स्थल, फास्टैग से होगी पेमेंट; जानिए कहां-कहां खड़े कर सकते हैं वाहन?     |     अयोध्या: 110 नए VIP मेहमान, जर्मन हैंगर टेंट, सोने-चांदी के धागों से बने कपड़े…रामलला प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ की तैयारियां जोरों पर     |     नौकरियों का झांसा देकर वोट मांग रहे हैं परवेश वर्मा, उनके घर रेड की जाए… CEC से केजरीवाल की मांग     |     वीकेंड पर मसूरी, मनाली और शिमला जाने का बना रहे हैं प्लान? जाने से पहले जरूर पढ़ें मौसम का ये अपडेट     |     ‘पुराने सिक्के दो, पैसे लो…’, लालच देकर महिला को किया डिजिटल अरेस्ट, 3 साइबर ठग अरेस्ट     |     कबूतरों का हत्यारा पड़ोसी, गर्दन मरोड़कर 28 को मारा; किस बात की थी खुन्नस?     |     जनता के लिए GST का मतलब ‘गृहस्थी सत्यानाश टैक्स’ हो गया है… प्रियंका गांधी का सरकार पर हमला     |