भोपाल। दिसंबर आधा बीत चुका है लेकिन जिले में अब तक ठंड ने जोर नहीं पकड़ा है। आसमान पर छाने वालें बादलों और तीन-चार दिनों को छोड़ दे तो अब तक ठंड सामान्य रहीं है। दोपहर के समय तो तापमान इतना रहा की शीतऋतु का एहसास भी नहीं हो रहा है। लेकिन मौसम विभाग का कहना है कि जनवरी-फरवरी माह में अब कड़ाके की ठंड होगी। साइक्लोन मैंडूस ने तापमान के तेवर कुछ नरम किए लेकिन एक दिन ही 13 दिसंबर को ही ठंड रही।
प्रदेश व जिले में अधिकांश समय सीजन में कोल्ड वेब उत्तर की बर्फीली हवाओं के कारण आती है लेकिन इस बार कोल्ड वेब का असर भी इस बार नहीं दिखा है। ऐसे में ठिठुरन व कंपकपाने वाली ठंड इस बार नहीं दिख रहा है।
21 दिसंबर के बाद बदलेगी मौसम की परिस्थिति
मौसम वैज्ञानिको के अनुसार दिसंबर में मैंडूस के कारण कुछ जिलों में बारिश हुई। हालांकि मंदसौर जिले में नहीं हुई है। मैंडूस के अलावा भी अभी कोई ऐसी स्थिति नहीं बन रही है जिससे दिसंबर में बारिश के आसार बनें। हालांकि 21 दिसंबर को प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश के आसार बन रहे हैं लेकिन कुछ इलाकों में हल्की बूंदबांदी हो सकती है। बादल छाने से तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है। इसके अलावा जनवरी में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण बारिश के दिनों में वृद्धि हो सकती है। बारिश के साथ ओले भी गिर सकते हैं। यह दो से तीन दिन तक लगातार भी हो सकती है। फरवरी में बहुत ज्यादा बारिश की संभावना नहीं है। लेकिन ठंड का असर अधिक रहने की संभावना है।
इस कारण ठंड में होती है बारिश
मौसम के जानकारो के अनुसार ठंड के दिनों में बारिश होने के पीछे की बड़ी वजह पाकिस्तान से आने वाली हवाएं वेस्र्टन डिस्र्टबेन्र्स है। उत्तरी और समुद्र से आने हवाओं के टकराने के कारण बारिश की स्थिति बन रही है।
कोहरा नहीं छाने का कारण
मौसम वैज्ञानिको की माने तो अभी लानीला लगातार सक्रिय है और आईओडी सक्रिय नहीं है। इस कारण वातावरण में नहीं है। इस कारण अब तक कोहरा की परिस्थितियां नहीं बन पा रही हैं। हालांकि यह भी संभावना है कि दो-तीन दिनों में कोहरा अधिक छाएगा। जो काफी समय तक रहेगा। 18-19 दिसंबर के बाद फिर भी मौसम बदला होगा। कुछ इलाकों में बूंदांबादी हो सकती है। इससे एक बार फिर से तापमान में बढ़ोतरी होगी। हालांकि अब ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होंगे। दिसंबर के अंत तक अच्छी ठंड का एहसास होने लगेगा।
2020-21 में ज्यादा ठंड रही थी
पिछले दो साल 2020 और 21 में सबसे ज्यादा ठंड पड़ी थी। हालांकि इन दोनों सालों को छोड़ दिया जाए तो बहुत ज्यादा कड़ाके की ठंड नहीं रही। इस बार भी अन्य सालों की तरह ही ठंड के तेवर रहने की संभावना है।