जस्टिस चंद्रचूड़ पूर्व अटॉर्नी जनरल के 90वीं जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि नैतिकता एक ऐसी अवधारणा है जो हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग होती है।
1991 के एक आर्टिकिल का जिक्र किया

कार्यक्रम के दौरान सीजेआई ने 1991 के एक आर्टिकिल का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि कैसे 1991 में उत्तर प्रदेश में एक 15 साल की लड़की को उसके माता-पिता ने मार डाला था। ग्रामीणों ने उस अपराध को स्वीकार कर लिया क्योंकि ग्रामीणों के मुताबिक लड़की ने समाज के खिलाफ जाकर कदम उठाए थे। वह समाज जिसे पावरफुल लोगों ने बनाया है और जिनका कमजोर तबके के लोगों को पालन करना पड़ता है। जबकि ये नियम उस तबके के लोगों के परंपराओं के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि दंबग लोग जो तय करते हैं उसे ही नैतिकता मानी जाती है। कमजोर तबकों को इतना दबाया जाता है कि वे खुद के नियम नहीं बना पाते हैं।