मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत अस्पतालों द्वारा फॉर्म एफ जमा किये जाते हैं। जिनका परीक्षण नियमित रूप से सी.एम.एच.ओ. कार्यालय द्वारा किया जाता है। परीक्षण के दौरान कटारा मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल अस्पताल के फॉर्म एफ में कमियां पाई गई थीं। फॉर्म एफ में चिकित्सक के हस्ताक्षर नहीं पाए गए थे। फॉर्म एफ में पाई गई कमियों को संदिग्ध मानते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के निर्देशन में अस्पताल की जांच हेतु टीम गठित की गई। टीम सदस्य डॉ० के.सी. रायकवार नोडल अधिकारी पी.सी.पी.एन.डी.टी. निरीक्षण दल सदस्य डॉ० शैलेष लूणावत एवं आशीष त्यागी सहायक अभियोजन अधिकारी द्वारा पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रावधानों के आधार पर अस्पताल की जांच की गई।

दल द्वारा अस्पताल की जांच के दौरान पाया गया कि यहां पर डॉ. प्रीति मीणा द्वारा अनाधिकृत रूप से सोनोग्राफी की जा रही है। साथ ही फॉर्म एफ अपूर्ण रूप से भरे हुए पाए गए। सोनोग्राफी किये जाने हेतु आवश्यक दस्तावेज़ भी संस्था में नहीं पाए गए। अस्पताल द्वारा 2 प्रसव पूर्व जांच रजिस्टर संधारित किये जा रहे थें। अस्पताल में एक्ट के प्रावधानों का प्रदर्शन नहीं किया गया था। साथ ही पीसीपीएनडीटी एक्ट की बुकलेट भी अस्पताल में नहीं पाई गई। दल द्वारा पाई गई अनियमितताओं को देखते हुए सोनोग्राफी मशीन को सील करके प्रकरण दर्ज किया गया है।