आयोग ने यह भी कहा कि सार्वजनिक शालीनता के तहत ड्रेस के प्रभावी नियमों का पालन करना चाहिए। खास बात यह है कि भारत में हिजाब पर की गई कार्रवाई पर बवाल मच गया था और भारतीय स्कूलों द्वारा इसको भेदभावपूर्ण  बताया गया। बता दें कि सऊदी शिक्षा और प्रशिक्षण मूल्यांकन आयोग को पहले शिक्षा मूल्यांकन प्राधिकरण के रूप में जाना जाता है। यह एक सरकारी संगठन है जो शिक्षा मंत्रालय के साथ सऊदी अरब में शैक्षिक और प्रशिक्षण प्रणालियों की योजना मूल्यांकन और मान्यता के लिए जिम्मेदार है। मंत्रिपरिषद की डिक्री संख्या 120 के बाद 2017 में एक सरकारी इकाई के रूप में स्थापित ईटीईसी कानूनी और आर्थिक रूप से स्वतंत्र है और सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करता है।
इससे कुछ दिन पहले ही सऊदी अरब सरकार ने हज या उमरा करने वाली महिलाओं को बिना महरम यानी पुरुष गार्जियन के हज पर आने की छूट का ऐलान  किया है। सऊदी अरब ने बिना महरम हज के अलावा महिलाओं के अधिकारों को लेकर कई तरह के बड़े बदलाव किए हैं।  प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को इस तरह के बड़े और बोल्ड फैसले लेने के लिए सराहा जा रहा है।