लोकसभा में बृहस्पतिवार को कांग्रेस, द्रमुक और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी समेत विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने चीन के साथ सीमा पर तनाव पर चर्चा कराने की मांग और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर हंगामा किया जिसके कारण सदन की बैठक चार बार के स्थगन के बाद शाम करीब 4:40 बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। चार बार के स्थगन के बाद 4:30 बजे बैठक पुन: शुरू होने पर विपक्षी दलों के सदस्य फिर से आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। इस बीच केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने छोटी छोटी गलतियों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने के प्रावधान वाला ‘जन विश्वास प्रावधान संशोधन विधेयक 2022′ सदन में पेश किया। उनके प्रस्ताव पर सदन ने विधेयक को विचारार्थ संसद के दोनों सदनों की संयुक्त समिति को भेज दिया।
इस बीच पीठासीन सभापति रमादेवी ने आसन के समीप शोर-शराबा कर रहे सदस्यों से उनके स्थान पर बैठने और शांति से कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया। हंगामा नहीं थमा तो उन्होंने बैठक को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले, सदन की बैठक तीन बार के स्थगन के बाद शाम चार बजे शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा। कुछ सदस्यों ने इसी दौरान नियम 377 के तहत अपने विषय रखे। पीठासीन सभापति रमादेवी ने हंगामा जारी रहने पर कार्यवाही को शाम 4:30 बजे तक स्थगित कर दिया। वहीं, दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे बैठक शुरू हुई तो पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने सदस्यों को नियम 377 के तहत अपने विषय उठाने का अवसर दिया। इसी बीच स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कोविड-19 की वैश्विक स्थिति और देश में इसे लेकर उठाये जा रहे कदमों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए वक्तव्य दिया।
इस दौरान विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और पीठासीन सभापति ने अपराह्न करीब 2:15 बजे सदन की बैठक शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी। पूर्वाह्न 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने सात पूर्व सदस्यों के निधन की जानकारी सदन को दी। सदन ने कुछ पल मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। लोकसभा अध्यक्ष ने सदन का ध्यान कुछ देशों में कोविड-19 के फिर सक्रिय होने की ओर आकृष्ट कराया और सभी को सावधानी बरतने एवं सुरक्षा उपायों का पालन करने का सुझाव दिया। इसके बाद उन्होंने प्रश्नकाल शुरू करने का निर्देश दिया। इसी दौरान कांग्रेस, द्रमुक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) समेत विपक्षी दलों के सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर विभिन्न मुद्दों पर नारेबाजी करने लगे। गौरतलब है कि कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दल चीन के साथ सीमा पर तनाव से जुड़े मुद्दे पर संसद में चर्चा कराने की मांग लगातार कर रहे हैं। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण बुधवार को भी प्रश्नकाल नहीं चल सका था।
लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘प्रश्नकाल आपका समय होता है। आप सदन के अंदर सरकार से सवाल पूछ सकते हैं। आपसे आग्रह है कि प्रश्नकाल चलने दें।” विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहने पर लोकसभा अध्यक्ष ने बैठक शुरू होने के करीब 10 मिनट बाद ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सदन की बैठक दोपहर 12 बजे पुन: आरंभ हुई तो विपक्षी सदस्यों ने पहले की तरह नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने ‘प्रधानमंत्री जवाब दो’, ‘चीन पर जवाब दो’ के नारे लगाए। विपक्षी सदस्यों के भारी शोर-शराबे के बीच पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए। सदन में हंगामे के बीच ही संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि मौजूदा शीतकालीन सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो जाएगा। उन्होंने विपक्षी सदस्यों से आग्रह किया कि वे सदन चलने दें। जोशी ने चीन के साथ सीमा पर तनाव के संदर्भ में कांग्रेस का नाम लिए बगैर उस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘रक्षा मंत्री ने सदन में विस्तृत रूप से बयान दिया है, सेना ने भी एक बयान दिया है… विपक्ष को कम से कम सेना के बयान पर तो विश्वास करना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि यह काफी संवेदनशील मामला है, ऐसे मामले पर पहले भी सदन में चर्चा नहीं हुई है। संसदीय कार्य मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग चीन पर जो चर्चा कराना चाहते हैं, तो पता होना चाहिए कि इनके कालखंड में कितनी जमीन भारत ने खोई और ‘हिन्दी चीनी भाई भाई’ का क्या हुआ। जोशी ने आरोप लगाया कि जो लोग चीन से रिश्वत लेते हैं, वे इस प्रकार से हंगामा करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह अपील करते हैं कि सदन की कार्यवाही चलने दें । पीठासीन सभापति अग्रवाल ने सदस्यों से सदन चलने देने की अपील करते हुए कहा, ‘‘कल सत्र का आखिरी दिन है। अभी महत्वपूर्ण कामकाज बचा है। आप लोग सहयोग करिये। सदस्यों को अपनी बात रखने दीजिए।” हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही करीब 12 बजकर 10 मिनट पर अपराह्न दो बजे बजे तक के लिए स्थगित कर दी।