इसमें कहा गया है कि मुंबई 26:11 आतंकी हमले के बाद सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (फरवरी 2019) द्वारा तीन साल के भीतर सागर प्रहरी बल गठित करने तथा तटीय एवं अपतटीय नौसेना परिसम्पत्तियों की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने का महत्व इसके लिये अनुकूल एवं सहयोगी ढांचा तैयार करने में देरी के कारण कमजोर हुआ।
कैग ने बताया कि बूस्ट गैस टर्बाइन (बीजीटी) नौसेना के निर्देशों के तहत तय मात्रा से अधिक रखा गया। इसके साथ ही बीजीटी का आर्डर देने से पहले जहाजों को सेवा से हटाने और स्टॉक की स्थिति को भी ध्यान में नहीं रखा गया। इसके परिणामस्वरूप 213.96 करोड़ रूपये मूल्य के नए खरीदे गए बीजीटी का अधिशेष हो गया।