वन विभाग का कहना है कि यह गिद्ध विलुप्त प्रजातियों में से एक है इस ज्यादा ठंड लग गई और उसका इलाज किया जा रहा है। कुछ दिन पहले कानपुर में भी इसी तरह का गिद्ध मिला था इस देखकर जटायु की याद लोगों को आने लगी थी। बताया जा रहा है कि गंडेर गांव के रहने वाले शिवेंद्र शाही ताल पर मछलियों को देखने गए थे जहां उन्होंने देखा कि एक गिद्ध अचेत अवस्था में पड़ा है। वह हिमालयन गिद्ध को अपने साथ लेकर अपने पोल्ट्री फार्म पर आए। वहां हिमालयन गिद्ध को अलाव का सहारा दिया तब वह उड़ने की कोशिश करने लगा लेकिन उड़ नही पा रहा था। वन विभाग का कहना है कि यह दुर्लभ प्रजाति का गिद्ध है इस सफेद हिमालयन गिद्ध कहते हैं और इसकी उम्र सैकड़ों साल है।