अस्पताल के पूर्व चेयरमैन अशुतोष पुरोहित ने मरीजों से हो रही इस लूट का विरोध किया है। पुरोहित ने बताया कि वो पूरे मामले को लेकर दिल्ली रेडक्रास के सामने बात रखने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी उनके कार्यकाल के दौरान दवा माफिया अस्पताल में कब्जा करना चाहते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं होने दिया। इसके बाद अस्पताल में अमृत फार्मेसी को लाने की तैयारियां कर ली गई थी लेकिन कोविड के कारण मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इस बीच नए प्रबंधन ने एक बार फिर निजी संचालक को लाकर बैठा दिया जो बेहद महंगे ब्रांड ही रेडक्रास मेडिकल से बेच रहा है। दवा दुकान संचालक अंकुर गुप्ता ने बताया कि दुकानों में सभी ब्रांड की दवाएं बुलवाने में एक से दो माह का समय लगेगा।