दिल्ली की साइबर पुलिस ने नकली ईवी स्कूटर डीलर को महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया है। आरोपी ओला इलेक्ट्रिक स्कूटी के फर्जी गूगल ऐड बनाकर लोगों को अपने जाल में फंसाता था। उसके कब्जे से एक मोबाइल फोन, 2 सिम कार्ड और एक डेबिट कार्ड बरामद किया गया है।
द्वारका जिले की साइबर थाना पुलिस ने बताया कि आरोपी के खिलाफ 420/120-बी आईपीसी और 66डी आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि वह इलेक्ट्रिक स्कूटी की तलाश में था और गूगल सर्च करने पर उसे एक ऐड दिखा। इसमें ओला इलेक्ट्रिक स्कूटी डीलर राघव शर्मा का कांटेक्ट नंबर मिला, जिनसे उन्होंने अपने मोबाइल के जरिये कॉल कर संपर्क किया।
इस बातचीत के दौरान आरोपी ने उनसे बुकिंग के लिए 499 रुपये और फिर एक सप्ताह में स्कूटी लेने के लिए 80,999 रुपये का भुगतान करने के लिए कहा था। इसके बाद पीड़ित ने कथित तौर पर 80,999 रुपये का भुगतान कर दिया।
इसके बाद जब शिकायतकर्ता ने कॉल कर आरोपी से भुगतान की रसीद के बारे में बात की तो उसने दिए गए बैंक खाते में 20,000 और ट्रांसफर करने की बात कही। इस प्रकरण के बाद आरोपी ने अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर लिया।
आरोपी व्यक्ति को पकड़ने और मामले को जल्द से जल्द सुलझाने के लिए द्वारका साइबर थाने के पुलिस अधिकारियों की एक बनाई गई, जिसमें इंस्पेक्टर शामिल हैं। जांच के दौरान पता चला है कि 80,999 रुपये एचडीएफसी बैंक के एक बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए और इसके बाद इससे दूसरे खाते में पैसे भेजे गए और बाद में एटीएम के माध्यम से निकाल लिए गए।
जांच के दौरान मिले सबूतों के आधार पर साइबर पुलिस ने महाराष्ट्र में रह रहे आरोपी राजेंद्र पांडा के पते पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान पता चला कि वह एक साल पहले पता छोड़कर चला गया है। इसके बाद उसकी लोकेशन, कॉन्टैक्ट हिस्ट्री की जांच की गई, जिसमें पता चला कि वह इस समय डोंबिवली ईस्ट, ठाणे, महाराष्ट्र में है।
इसके बाद उक्त स्थान पर छापा मारकर आरोपी राजेंद्र शिवराम पांडा को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ दौरान उसने खुलासा किया कि वह ओला इलेक्ट्रिक स्कूटी के नकली गूगल विज्ञापन बनाता है और जब कोई व्यक्ति उसके नंबर पर संपर्क करता है, तो वह खुद को ओला इलेक्ट्रिक से राघव शर्मा को होने की बात कहता है। इसके बाद स्कूटी के लिए राशि जमा करने को कहता है।
गिरफ्तारी के बाद आरोपी राजेंद्र शिवराम पांडा को महाराष्ट्र की अदालत में पेश कर और उसे ट्रांजिट रिमांड पर नई दिल्ली लाकर द्वारका की अदालत में पेश किया गया। मामले में आगे की जांच चल रही है।