सोमवार दोपहर जिले के खकनार क्षेत्र में अचानक तेज वर्षा होने से खेतों और मैदानों में सूखने के लिए रखा गया बीस हजार क्विंटल से ज्यादा मक्का पानी में भीग गया। जिससे किसानों और व्यापारियों को बड़ा नुकसान हुआ है। लगभग इतनी ही हल्दी भी तेज वर्षा से भीगी है। इसके अलावा तेज वर्षा और आंधी तूफान से खेतों में खड़ी मक्का व केला फसल को भी नुकसान हुआ है। संवाददाता ने बताया कि दोपहर तीन बजे के आसपास अचानक मौसम बदला और तेज हवा के साथ वर्षा शुरू हो गई। करीब एक घंटे तक झमाझम वर्षा होने से पूरा क्षेत्र पानी-पानी हो गया। किसान और व्यापारी जब तक उपज बचाने का जतन करते तब तक वह भीग चुकी थी। इस उपज का अब बाजार में अच्छा दाम नहीं मिलेगा। वर्षा का दौर शाम साढ़े पांच बजे खबर लिखे जाने तक जारी था।
शहर के आसमान पर बादलों का डेरा
ग्रामीण क्षेत्र के अलावा शहर व आसपास के क्षेत्र में भी दोपहर से बादलों ने डेरा जमा रखा था, लेकिन देर शाम तक वर्षा नहीं हुई। बादलों के कारण हालांकि गर्मी से राहत मिली है। बीते पांच दिन से सूर्यदेव की प्रचंडता के कारण तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया था। सोमवार को बादल छाने के कारण अधिकतम तापमान तीन डिग्री लुढ़क कर 41 डिग्री पर आ गया था। न्यूनतम तापमान भी 27 डिग्री पर रहा। जिससे लोगों को झुलसाने वाली गर्मी से राहत मिली।
पहले भी नुकसान उठा चुके किसान
जिले में गत 28 अप्रैल को आए आंधी तूफान और तेज वर्षा के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ था। सबसे ज्यादा नुकसान केला उत्पादक किसानों को हुआ था। जिला प्रशासन ने युद्ध स्तर पर सर्वे करा रिपोर्ट सरकार को सौंपी है। जिसमें 35 सौ से ज्यादा किसानों को 17 करोड़ रुपये मुआवजा वितरण का उल्लेख किया गया है। हालांकि यह राशि अब तक किसानों के खाते में नहीं पहुंची है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अगले पांच दिन तक मौसम में उतार-चढ़ाव बना रहेगा।