खरगोन। टूटते बिखरते रिश्तो और एकल होते परिवारों के बीच संयुक्त परिवार कम ही नजर आते हैं। वर्तमान समय में छोटी-छोटी बातों को लेकर घर में विवाद होते हैं और इन्हीं के चलते परिवार बिखर कर अलग हो जाते हैं। लेकिन इन सबके विपरित ग्राम देवड़ा में एक संयुक्त परिवार और उसमें बस आप प्रेम लोगों के लिए मिसाल बना हुआ है। परिवार का कोई भी सदस्य मुखिया को नहीं छोड़ना चाहता है। नतीजतन देखते ही देखते इस कुनबे में सदस्यों की बढती संख्या से एक ही परिवार का घर अब कालोनी में तब्दील हो चुका है।
छोटे-छोटे बने कमरों में एक ही परिवार के अलग-अलग सदस्य संयुक्त भाव से रहते हैं। इस परिवार में मुखिया सहित 75 लोग हैं। मुख्यत: खेती बाड़ी में व्यस्त रहते हैं। परिवार के लोग शाम को एक साथ बिताते हैं। बामनिया परिवार का यह फालिया बुजुर्गों के आशीर्वाद और बच्चों की किलकारी से आबाद है।
70 वर्षीय मां नबली भाई मुखिया का फर्ज निभा रही है। उसकी नौ में से दो बेटियां बिहा दी गई है। शेष छह भाइयों का परिवार एक बड़े कुनबे के रूप में रहता है। वक्त के साथ कमरे बने एक ही स्थान पर व्यवस्था है अलग-अलग हुई है परंतु एक ही छत के नीचे सलाह मशवरा वह सुख-दुख बांटते हैं। विश्व परिवार दिवस के अवसर पर इस परिवार ने एक बार फिर हमेशा साथ रहने का सकंल्प लिया।
परिवार में 35 बेटियां, 11 बेटे
नबली बाई का कहना है कि वह कभी अलग नहीं हो सकते। कुल 75 सदस्यों में 35 बेटियां व 11 बेटे हैं उम्र अनुसार सभी बच्चे अध्ययनरत है। दादी नबली बाई 70 को खुशी है कि यह भरा पूरा परिवार एक ही साथ सारे तीज त्यौहार मनाते हैं। पुत्र कैलाश बामनिया ने कहा की सभी भाई खेतों में काम करते हैं।
बहुएं भी घर के कामकाज संभालने के साथ पतियों के हाथ बंटाती है। इस परिवार ने अपनी लगभग 40 एकड़ जमीन के हिसाब से वह स्वयं के सभी संसाधन जुटा रहे हैं।इस परिवार की एकजुटता की मिसाल इसी बात से साबित होती है कि किस भाई की कौन संतान है, पहचानना जरा मुश्किल है।