इंदौर। नौ वर्ष पहले इंदौर से मानपुर जा रहे कमोडिटी व्यापारी तरुण जैन की कार सड़क पर खड़े आयशर ट्रक से टकरा गई थी। दुर्घटना में जैन ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। उनके माता-पिता, पत्नी और बच्चों ने ट्रक का बीमा करने वाली कंपनी के खिलाफ जिला न्यायालय में मुआवजा प्रकरण प्रस्तुत किया।
नौ वर्ष बाद प्रकरण का निराकरण करते हुए जिला न्यायालय ने बीमा कंपनी को आदेश दिया कि वह मृतक के स्वजन को मुआवजे के रूप में दो करोड़ 12 लाख रुपये का भुगतान करे। इस रकम पर जून 2014 से छह प्रतिशत की दर से ब्याज भी देना होगा। संभवत: यह प्रदेश का पहला मामला है जिसमें जिला न्यायालय ने सड़क हादसे में किसी की मृत्यु होने पर उसके स्वजन को इतनी बड़ी रकम मुआवजे के रूप में देने के आदेश दिए हैं।
खतरनाक तरीके से सड़क पर खड़ा था ट्रक
दुर्घटना 29 मई 2014 को हुई थी। इंदौर के मनोरमागंज निवासी तरुण जैन व्यावसायिक कार्य से कार से मानपुर जा रहे थे। मानपुर स्थित यश ढाबे के पास बगैर किसी सांकेतिक चिह्न के सड़क पर खतरनाक तरीके से खड़े ट्रक से जैन की कार टकरा गई। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। जैन की पत्नी, दो अवयस्क पुत्रों और माता-पिता ने ट्रक चालक, मालिक और न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ एडवोकेट किशोर गुप्ता, तेजू कुमार खींची और राखी अग्रवाल के माध्यम से जिला न्यायालय क्षतिपूर्ति का प्रकरण प्रस्तुत किया।
अधिवक्ताओं ने दिए थे ये तर्क
अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि मृतक कमोडिटी व्यवसायी थे और उनकी वार्षिक आय 13 लाख रुपये से ज्यादा थी। वे 38 वर्षीय युवा थे और भविष्य में उनकी उन्नति के कई अवसर थे। अधिवक्ताओं के तर्कों से सहमत होते हुए न्यायाधीश राकेश कुमार ठाकुर ने बीमा कंपनी को आदेश दिया कि वह मृतक के स्वजन को दो करोड़ 12 लाख 6300 रुपये का भुगतान करे। इस रकम पर प्रकरण प्रस्तुति दिनांक से छह प्रतिशत की दर से ब्याज भी देना होगा।