इंदौर। स्टेट जीएसटी यानी वाणिज्यिककर विभाग ने मंगलवार से शुरू हो रही सत्यापन की मुहिम के लिए विभाग के अधिकारियों के लिए मानक प्रक्रिया के निर्देश (एसओपी) जारी कर दिए हैं। स्टेट जीएसटी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कारोबार और रिटर्न की सामान्य त्रुटियों पर जीएसटी पंजीयन को संदिग्ध नहीं माना जाएगा। यानी किरायानामा की गलती, बैंक अकाउंट अपडेट नहीं होने, दुकानों पर साइनबोर्ड की गलती और एचएसएन कोड के अंतर जैसी सामान्य त्रुटियों से व्यावसायियों का पंजीयन निरस्त नहीं होगा।
प्रदेश के वाणिज्यिककर आयुक्त लोकेश कुमार जाटव ने सोमवार को सभी अपर आयुक्त, संभाग के संयुक्त आयुक्तों और उपायुक्तों के लिए लिखित निर्देश जारी किए हैं। भौतिक सत्यापन के दौरान किन परिस्थितियों में किसी जीएसटी पंजीयन को संदिग्ध माना जाएगा, इसके लिए 11 बिंदुओं में निर्देश दिए हैं।
पहले ही बिंदु में किया स्पष्ट
पहले ही बिंदु में साफ किया गया है कि किसी व्यवसायी के जीएसटीआर-2ए-2बी, जीएसटीआर वन, ईवे बिल और ई-इनवाइस में एचएसएन के अंतर को इस मुहिम में संदिग्ध जीएसटी का पैमाना नहीं माना जाएगा। इसी तरह किसी का बैंक अकाउंट अपडेट न होना, किरायानामा एक्सपायर होना, व्यवसाय स्थल का पैतृक संपत्ति होने पर नामांतरण नहीं होना जैसी परिस्थितियों में संबंधित व्यवसायी के जीएसटी पंजीयन को संदिग्ध न माना जाए।
जीएसटी पंजीयन से जुड़े दस्तावेज ही जांचें
सत्यापन के दौरान मौके से व्यवसायी या प्रतिनिधि अनुपस्थित हो तो पंचनामा बनाया जाए। इसके बाद पांच दिन में दूसरी बार भौतिक सत्यापन हो। इसके बाद व्यवसायी और व्यवसाय प्रमाणिक नहीं मिले तो पंजीयन को संदिग्ध माना जाए। साथ ही अधिकारियों से कहा गया है कि सिर्फ उन्हीं दस्तावेजों को जांचा जाए जो जीएसटी पंजीयन हासिल करने के लिए दिए गए हैं।
इस स्थिति को माने संदिग्ध
निर्देशानुसार यदि वहां जीएसटी पंजीयन में दर्ज व्यवसाय के अलावा ऐसे व्यवसाय होते पाए जाए जिससे फर्जी बिल और आइटीसी जारी होने के तथ्य मिलते हैं। एक स्थान से बहुत से जीएसटी पंजीयन मिलते हैं या भौतिक रूप से व्यवसाय स्थल उक्त पते पर मिले ही नहीं। या उस पते पर किसी और का जीएसटीएन और व्यवसाय मिले तो ऐसी स्थिति में पंजीयन संदिग्ध मानते हुए कार्रवाई आगे बढ़ाई जाए।
आनलाइन होगा सत्यापन
स्टेट जीएसटी ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि पूरे अभियान में सत्यापन के लिए पंजीयन की जानकारी मुख्यालय से वृत्त प्रभारी के जरिए संबंधित निरीक्षक और कराधान सहायक को आनलाइन भेजी जाएगी। विभाग के पोर्टल और मोबाइल एप का उपयोग कर सत्यापन करना होगा। मौके से मोबाइल एप पर फोटो और निरीक्षण की टीप अधिकारी को दर्ज करना होगी। एप सीधे जीपीएस से जुड़ा होगा, जिससे खुद उसमें लोकेशन दर्ज हो जाएगी।
घबराने की जरूरत नहीं
कर सलाहकार आरएस गोयल ने कहा कि सत्यापन की मुहिम के नाम पर बाजारों में आम कारोबारियों के बीच भ्रम नहीं होना चाहिए। वाणिज्यिककर की एसओपी से स्पष्ट है कि सत्यापन ऐसे जीएसटी पंजीयनों को पकड़ने के लिए हो रहा है जो दस्तावेजों में हेरफेर कर लिए गए हैं। साथ ही जिससे बोगस आइटीसी हासिल और पास कर राजस्व की चोरी की जा रही है। लिहाजा आम व्यवसायी इस मुहिम से अप्रभावित रहेंगे।