मध्य प्रदेश में सिंगल सिटीजन डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। इस नई व्यवस्था से प्रदेश में एकल पहचान पत्र प्रणाली लागू की जाएगी। हरियाणा सरकार के परिवार पहचान-पत्र की भांति समग्र मिशन को भी विधि स्वरूप दिया जाएगा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग साफ्टवेयर तैयार कर समग्र आइडी को प्रभावी बना रहा है। ताकि सभी योजनाओं में इसका पहचान के रूप में प्रयोग हो सके। एकल नागरिक डेटाबेस बनने से नागरिकों को बार-बार जानकारी नहीं देनी पड़ेगी। उन्हें इस डेटा के आधार पर ही विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल जाएगा।
परिवार की होगी निगरानी, हर क्षेत्र का होगा अलग कोड
समग्र आइडी में लाभार्थी का मोबाइल नंबर होगा। इससे अधिकारी किसी भी योजना के लाभार्थियों की पहचान सकेंगे। प्रत्येक परिवार की निगरानी भी की जा सकेगी। यह केवल पात्र लाभार्थी तक योजना पहुंचाने का सशक्त माध्यम बनेगा। योजनाओं का लाभ उठाने के लिए समग्र आइडी अनिवार्य होगी। परिवार पहचान कार्ड बनाए जाएंगे, जिनमें यूनिक नंबर दिया जाएगा। उदाहरण के लिए-परिवार में जन्म या मृत्यु होने पर प्रमाण पत्र के लिए आवेदन नहीं करना होगा। विभाग से यह जानकारी स्वत: ही अपडेट होगी और प्रमाण पत्र बन जाएंगे। सरकारी- निजी क्षेत्र की नौकरियों में भी सहायता मिलेगी। परिवार किस क्षेत्र में रहता है, यह भी पता चल जाएगा। सरकार हर क्षेत्र, शहर या गांव के लिए अलग-अलग कोड बनाएगी।
पात्र-अपात्र की होगी पहचान, योजनाएं होगी लिंक
अपात्र नागरिक भी योजनाओं का लाभ उठाते हैं। समग्र आइडी अपडेट होने के बाद पात्र-अपात्र की पहचान आसान हो जाएगी। आयुष्मान, सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली, पेंशन योजना सहित अन्य योजनाओं को समग्र से जोड़ा जाएगा। कालेज छात्रों का डेटा भी स्वत: सत्यापन होगा। उनके प्रवेश से संबंधित जानकारी समग्र आइडी से मिलेगी। अन्य योजनाओं-पेंशन, लाड़ली लक्ष्मी, मुख्यमंत्री कन्या विवाह, राशन आवंटन आदि योजनाओं को समग्र आइडी से लिंक किया जाएगा। इसका विभिन्न सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन करने में दस्तावेज के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।
चार राज्यों में है यह व्यवस्था
हरियाणा ने प्रत्येक परिवार को 14 अंकों का विशिष्ट पहचान पत्र जारी किया है। इससे पता चलता है कि सभी सेवाओं और योजनाओं का लाभ प्रदेश के प्रत्येक नागरिक तक पहुंच रहा है या नहीं। इस पहचान पत्र के कारण किसी भी योजना के लिए सरकारी कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होती। इसी तरह राजस्थान, तेलंगाना एवं आंध्रप्रदेश में भी नागरिक डेटाबेस बनाया गया है। राजस्थान में यह योजना भामाशाह और आंध्रप्रदेश एवं तेलंगाना में प्रजा साधिकार नाम से संचालित है।