Music city Gwalior: ग्वालियर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। संगीत की नगरी ग्वालियर को यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) से सिटी आफ म्यूजिक घोषित कराने के सिलसिले में मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के तत्वावधान में अहम बैठक हुई। जिसमें यूनेस्को को भेजे जाने वाले डोजियर (प्रस्ताव) के संबंध में शहर के संगीत–कला मर्मज्ञों, वरिष्ठ अधिकारियों एवं यूनेस्को क्रिएटिव सिटी नेटवर्क से संबंधित स्टेक होल्डर ने उपयोगी सुझाव दिए। भारत सरकार की स्वदेश दर्शन 2.0 योजना को ग्वालियर में मूर्तरूप देने के संबंध में भी इस बैठक में जानकारी दी गई।
ज्ञात हो कि राज्य शासन के पर्यटन एवं संस्कृति विभाग द्वारा ग्वालियर शहर को यूनेस्को से म्यूजिक सिटी घोषित कराने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश के चार शहरों ग्वालियर, इंदौर, भोपाल व चंदेरी में यूनेस्को के मापदंडों के आधार पर कराए गए अध्ययन के बाद ग्वालियर का चयन क्रिएटिव सिटी आफ म्यूजिक के लिए किया गया है और यूनेस्को के लिए डोजियर तैयार कराया जा रहा है। गुरुवार को तानसेन रेसीडेंसी में महापौर डा. शोभा सिकरवार व संभागायुक्त दीपक सिंह की मौजूदगी में आयोजित हुई इस बैठक में राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य चितरंजन ज्योतिषी, कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह, मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के अपर प्रबंध संचालक विवेक श्रोत्रिय, नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह, स्मार्ट सिटी की सीईओ नीतू सिंह, आइआइटीटीएम के निदेशक आलोक शर्मा, रंगकर्मी अशोक आनंद, ध्रुपद गुरु अभिजीत सुखदाणे, संगीत साधक उमेश कम्पूवाले, डा़ केशव पाण्डे, शास्त्रीय नृत्यांगना निशा शर्मा समेत शहर के अन्य संगीत-कला मर्मज्ञ व यूनेस्को क्रिएटिव सिटी नेटवर्क से संबंधित स्टेक होल्डर एवं जिला पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के सदस्यगण मौजूद थे।
महापौर ने कहा-साझा प्रयास तभी मिलेगी सफलता
-महापौर डा. शोभा सिकरवार ने कहा कि ग्वालियर ऐतिहासिक धरोहरों व संगीत कला के क्षेत्र में समृद्ध नगरी है। ग्वालियर को सिटी आफ म्यूजिक घोषित कराने के लिए यूनेस्को को भेजे जा रहे प्रस्ताव में आज की बैठक में मिले सुझावों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम सभी के साझा प्रयासों से निश्चित ही ग्वालियर शहर विश्वभर में म्यूजिक सिटी के रूप में विख्यात होगा।
पर्यटन स्थलों का अंतरराष्ट्रीय मानकों पर होगा विकास: संभागायुक्त
संभागीय आयुक्त दीपक सिंह ने कहा कि खुशी की बात है कि राज्य शासन के संस्कृति विभाग द्वारा ग्वालियर को म्यूजिक सिटी घोषित कराने की पहल की गई है। उन्होंने कहा म्यूजिक सिटी घोषित होने पर ग्वालियर की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टूरिस्ट सेंटर के रूप में पहचान स्थापित होगी। उन्होंने कहा कि यूनेस्को को भेजे जा रहे डोजियर के लिए शहर के संगीत कला मर्मज्ञ लिखित में भी सुझाव दे सकते हैं। उन सभी सुझावों के आधार पर यूनेस्को के लिए प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा।
शहर को गौरवशाली बनाने मिलकर करेंगे प्रयास: कुलपति
राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य चितरंजन ज्योतिषी ने कहा कि ग्वालियर की सांगीतिक परंपरा अत्यंत समृद्धशाली है। इन परंपराओं को वर्तमान में सिंचित कर फिर से गरिमामयी व गौरवशाली बनाने के लिए साझा प्रयास जरूरी है। उन्होंने संगीत एवं कला के आश्रयदाता राजा मानसिंह तोमर जैसे मूर्धन्य कला मर्मज्ञों की स्मृति में कार्यक्रम आयोजित करने पर बल दिया।
म्यूजिक सिटी के लिए ग्वालियर का किया है चयन
मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के अपर प्रबंध संचालक विवेक श्रोत्रिय ने इस अवसर पर जानकारी दी कि यूनेस्को द्वारा सात श्रेणियों में क्रिएटिव सिटी घोषित की जाती हैं। जिसकी म्यूजिक श्रेणी के तहत मध्यप्रदेश शासन ने ग्वालियर को चयनित किया है। बैठक में धरातल संस्था द्वारा विस्तृत प्रजेंटेशन दिया गया। संस्था के प्रतिनिधियों ने बताया कि यूनेस्को को भेजे जा रहे डोजियर में ग्वालियर में वर्षभर आयोजित होने वाले सांगीतिक समारोहों व अन्य गतिविधियों, संगीत के लिए उपलब्ध अधोसंरचना, संगीत विश्वविद्यालय व महाविद्यालय, हेरिटेज विरासत इत्यादि को शामिल किया जायेगा। साथ ही कला मर्मज्ञों के सुझाव शामिल किए जाएंगे।
इन कला मर्मज्ञों ने भी दिए उपयोगी सुझाव
रंगकर्मी अशोक आनंद ने ग्वालियर घराने के संगीत साधकों की स्मृति में वार्षिक आयोजन और टाउन हाल में मासिक व पाक्षिक संगीत सभाएं आयोजित करने का सुझाव दिया। संगीत साधक उमेश कम्पूवाले ने हर माह संगीत सभाएं आयोजित कर नए कलाकारों को मौका देने का सुझाव रखा। ध्रुपद गुरु अभिजीत सुखदाणे ने ग्वालियर के साथ संगीत सम्राट तानसेन की जन्मस्थली बेहट और राजा मानसिंह तोमर द्वारा बरई ग्राम में स्थापित की गई रंगशाला को विकसित करने का सुझाव रखा। डा़ केशव पाण्डे ने उदभव संस्था द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सांस्कृतिक आदान-प्रदान की जानकारी दी। संगीत विश्वविद्यालय की प्रो. रंजना टोणपे ने संगीत साहित्य पर केन्द्रित पुस्तकालय स्थापित करने की राय रखी। इनके अलावा आइआइटीटीएम के निदेशक आलोक शर्मा, टूरिज्म बोर्ड के सलाहकार ओपी मिश्रा, एएसआइ के सेवानिवृत अधिकारी एनके समाधिया तथा अनुपम शर्मा सहित अन्य विषय विशेषज्ञों ने भी उपयोगी सुझाव दिए।