इंदौर। कलेक्टर और निगमायुक्त सोमवार को हाई कोर्ट में नहीं बता सके कि उन्होंने पटेल नगर स्थित बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर बावड़ी हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर अब तक क्या कार्रवाई की है। निगमायुक्त और कलेक्टर को उस जनहित याचिका में जवाब देना था, जिसमें कहा है कि कलेक्टर और निगमायुक्त जिम्मेदार पर कार्रवाई करने से बच रहे हैं। भवन अधिकारी और भवन निरीक्षक पर दिखावटी कार्रवाई की गई है। याचिका में अब जुलाई के तीसरे सप्ताह में सुनवाई होगी।
30 मार्च 2023 को हुए बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर बावड़ी हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें बुजुर्ग, युवा, बच्चे सभी शामिल थे। हादसा रामनवमी के दिन हुआ था और इसकी गूंज देशभर में रही थी। जिस वक्त हादसा हुआ, उस वक्त वहां बड़ी संख्या में भक्त मौजूद थे। ये सभी रामनवमी के अवसर पर हवन करने के लिए वहां आए थे। जिस जगह हवन कुंड बनाया गया था, वहां वर्षों पुरानी बावड़ी थी, जिसे कई वर्ष पहले स्लैब डालकर बंद कर दिया गया था।
स्लैब टूटने से बावड़ी में गिर गए थे लोग
हवन में शामिल लोगों को इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि जिस जगह बैठकर वे हवन कर रहे हैं उसके नीचे कोई पुरानी बावड़ी भी है। हवन के दौरान अचानक से बावड़ी के ऊपर डाली स्लैब टूटी और हवन कर रहे लोग बावड़ी में गिर पड़े। बावड़ी में गिरे कुछ लोगों को तो निकाल लिया गया, लेकिन 36 लोगों के शव ही बावड़ी से बाहर निकाले जा सके।
नगर निगम पर लगाए आरोप
इस घटना को लेकर एक याचिका पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने वरिष्ठ अधिवक्ता डा. मनोहरलाल दलाल और एडवोकेट लोकेंद्र जोशी के माध्यम से दायर की है। इसमें कहा है कि नगर निगम के अधिकारी समय रहते कार्रवाई कर देते तो हादसे को रोका जा सकता था। नगर निगम को पता था कि बावड़ी को स्लैब डालकर बंद किया गया है, बावजूद इसके निगम के अधिकारियों ने बावड़ी को मुक्त कराने की कोई कार्रवाई नहीं की। याचिका में घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की गई है।
मंदिर ट्रस्ट को नोटिस ही तामील नहीं हुआ
हाई कोर्ट के आदेश पर याचिका में मंदिर ट्रस्ट को भी पक्षकार बनाया गया है। कोर्ट ने ट्रस्ट को नोटिस भी जारी किया था, लेकिन नोटिस वाले पते पर कोई नहीं मिला। अब एक बार फिर नोटिस तामील कराने के आदेश कोर्ट ने दिए हैं।