भोपाल। मध्य प्रदेश में हुक्का बार का संचालन प्रतिबंधित करने के लिए सरकार 10 जुलाई से प्रारंभ होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र में संशोधन विधेयक प्रस्तुत करेगी।
कैबिनेट से अनुमोदन के बाद गृह विभाग ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम 2003 में संशोधन विधानसभा में प्रस्तुत करने के लिए राष्ट्रपति की अनुमति के लिए भेजा था।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने प्रस्तावित संशोधन विधेयक को अनुमति दे दी है। इसके लागू होने पर कोई भी हुक्का बार का संचालन नहीं कर सकेगा।
प्रविधान का उल्लंघन करने पर तीन वर्ष तक का कारावास और एक लाख रुपये तक का अर्थदंड लगाया जाएगा। किसी भी स्थिति में कारावास की सजा एक साल से कम और अर्थदंड पचास हजार रुपये से कम नहीं होगा।
अवैध रूप से चलाए जा रहे हुक्का बार को प्रतिबंधित करने की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी।दरअसल, हुक्का बार नशा और आपराधिक गतिविधियों के केंद्र बन रहे थे।
इन्हें बंद करने का कोई स्पष्ट प्रविधान नहीं था। इसके कारण जब भी पुलिस जब कार्रवाई करती थी तो संचालक न्यायालय चले जाते हैं और उन्हें स्थगन भी मिल जाता है। इसे देखते हुए गृह विभाग ने गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के प्रविधानों का अध्ययन करके अधिनियम में संशोधन प्रस्तावित किया था।
इसमें प्रविधान किया गया है कि कोई भी हुक्का बार का संचालन नहीं करेगा। यदि इसका उल्लंघन किया जाता है तो तीन वर्ष तक का कारावास और एक लाख रुपये तक का अर्थदंड लगाया जाएगा। कारावास की सजा एक साल से कम और अर्थदंड पचास हजार रुपये से कम नहीं होगा।
हुक्का बार की सामग्री या वस्तु जब्त करने का अधिकार पुलिस उप निरीक्षक स्तर के अधिकारी को होगा। गृह विभाग द्वारा प्रस्तावित संशोधन विधेयक को कैबिनेट ने दिसंबर 2022 में अनुमोदन के साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय के माध्यम से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की अनुमति के लिए भेजा था। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि अब अनुमति मिलने पर इसे विधानसभा के मानसून सत्र में प्रस्तुत कर दिया जाएगा।