भोपाल। हमीदिया अस्पताल में बुधवार से किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा एक बार फिर से शुरू हो गई है। बुधवार को एक मरीज का किडनी प्रत्यारोपण भी किया गया। मरीज को उसकी पत्नी की किडनी लगाई गई है। किडनी प्रत्यारोपण के मामलों में जरूरी एटीजी इंजेक्शन की उपलब्धता की समस्या दूर होने से अब किडनी प्रत्यारोपण की प्रक्रिया लगातार चलना संभव होगा।
हमीदिया अस्पताल में 2021 में किडनी प्रत्यारोपण की शुरुआत हुई थी। 2021 में दो प्रत्यारोपण हुए, जबकि बीते साल यानी 2022 में भी दो ही किडनी प्रत्यारोपण हो पाए थे। नवंबर 2022 के बाद एक भी प्रत्यारोपण नहीं हुआ था। इसकी प्रमुख वजह एटीजी इंजेक्शन उपलब्ध नहीं होना भी था।
हमीदिया अस्पताल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार राकेश सिंह (बदला हुआ नाम) 44 वर्षीय को उनकी 40 वर्ष की पत्नी सोना बाई (बदला हुआ नाम) द्वारा दान की गई किडनी प्रत्यारोपित की गई है। रोगी को तीन साल पहले किडनी रोग का पता चला था, जब उनका हाई ब्लडप्रेशर के लिए इलाज चल रहा था। एक साल पहले उन्हें डायलिसिस शुरू करवानी पड़ी।
एक एटीजी इंजेक्शन की कीमत 40 से 50 हजार रुपये
अब एटीजी इंजेक्शन के लिए सरकार की ओर से रेट कांट्रेक्ट कर लिया गया है। ऐसे में अब यह इंजेक्शन सरकारी सप्लाई में मिल सकेगा। एटीजी इंजेक्शन का उपयोग ऐसे मामलों में किया जाता है, जब किडनी रिसीव करने वाले और किडनी डोनेट करने वाले दोनों का क्रास मैच नहीं हो पाता है। तब एटीजी इंजेक्शन लगाया जाता है। इस एक इंजेक्शन की कीमत 40 से 50 हजार रुपए तक होती है।
निजी अस्पताल में 10 लाख रुपये तक खर्च
हमीदिया अस्पताल में किडनी प्रत्यारोपण निश्शुल्क किया जाता है। जबकि निजी अस्पताल में किडनी प्रत्यारोपण का खर्च दस लाख रुपए तक होता है। हमीदिया अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत प्रत्यारोपण किया जाता है। बुधवार को हुई सर्जरी को लेप्रोस्कोपिक पद्धति से किया गया। इसमें मरीज को बड़ा चीरा नहीं लगाना पड़ता है। इस तरह का आपरेशन पहली बार किया जा रहा है। आपरेशन करने वालों की टीम में मेडिसिन विभाग की डा.सिम्मी दुबे, विभागाध्यक्ष सर्जरी विभाग डा. अरविंद राय और विभागाध्यक्ष निश्चेतना विभाग डा. आरपी कौशल मौजूद रहे।