ग्वालियर। जातकों का धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों की तरफ होगा। झुकाव सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी, हाउसिंग उद्योग तथा शेयर बाजार में देखने को मिलेंगे। सकारात्मक बदलाव ब्रह्मांड के सबसे बड़े ग्रह देवगुरु बृहस्पति अभी मेष राशि में हैं। गुरु मेष राशि में 4 सितंबर दिन सोमवार शाम 7:39 पर बक्री होने जा रहे हैं। गुरु की यह बक्री चाल 31 सितंबर सुबह 8:09 तक रहेगी। यानी बृहस्पति मेष राशि में 118 दिनों के बाद मार्गी हो सकेंगे। इसके साथ ही धन संपदा, वैभव तथा सुख समृद्धि के कारक ग्रह शुक्र चंद्रमा की कर्क राशि में 4 सितंबर सोमवार को6.55पर मार्गी गति से संचरण करेंगे। गुरु के बक्री होने से तथा शुक्र के मार्गी होने से देश दुनिया के साथ जातकों पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।
बालाजी धाम काली माता मंदिर के ज्योतिषाचार्य डॉं सतीश सोनी के अनुसार इस बार देवगुरु बृहस्पति मेष राशि में 12 साल बाद बक्री हो रहे हैं। जो की मंगल की मूल त्रिकोण राशि है। बृहस्पति मंगल के मित्र हैं। इसलिए इनका बक्री होना अच्छा व प्रभावशाली रहेगा। इस समय में भारत के लोगों का झुकाव धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों की तरफ बढ़ेगा। मंत्री और सरकार मे उच्च पदों पर बैठे लोग देश दुनिया की मौजूदा जरूरत पर ध्यान रखते हुए विभिन्न नीतियों में कुछ अहम बदलाव करते नजर आएंगे। तथा गुरु के बक्री काल के दौरान कंप्यूटर सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी, हाउसिंग उद्योग, फर्टिलाइजर इंडस्ट्रीज, बैंकिंग सेक्टर के साथ शेयर बाजार में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
राशिगत गुरु का बक्री होना, तथा शुक्र का मार्गी होने का प्रभाव
मेष राशि, मिथुन राशि, कर्क राशि, सिंह राशि, तुला राशि धनु राशि, कुंभ राशि, मीन राशि के लोगों को आर्थिक और करियर में सफलता चूमेगी कदम, अन्य शेष राशियों के लिए राशि के लिए समय रहेगा।
– मेष राशि के लिए खुशियों का योग लेकर आएगा समय।
– मिथुन राशि वालों को प्रतियोगिता परीक्षा से मिलेगा शुभ समाचार।
– कर्क राशि के लिए पैतृक संपत्ति से मिलेगा लाभ।
– सिंह राशि के लिए आर्थिक लाभ की योग।
– तुला राशि के लिए विदेश यात्रा के उत्तम योग।
– धनु राशि के लिए पारिवारिक वातावरण रहेगा सुखद।
– कुंभ राशि के लिए हर क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम।
– मीन राशि के लिए अचानक धन लाभ की प्राप्ति।