नागपुरः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि दुनिया भर में परिवार व्यवस्था खत्म हो रही है लेकिन भारत इस संकट से बच गया है क्योंकि “सच्चाई” इसकी नींव है।
भागवत ने नागपुर में वरिष्ठ नागरिकों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति की जड़ें सत्य पर आधारित हैं, हालांकि इस संस्कृति को उखाड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। भागवत ने सांसारिक सुखों की पूर्ति के प्रति बढ़ती प्रवृत्ति और कुछ लोगों द्वारा अपने स्वार्थी दर्शन के माध्यम से इसे “सांस्कृतिक मार्क्सवाद” के रूप में उचित ठहराने के प्रयास का वर्णन किया।
आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘ सांसारिक सुखों की ओर यह झुकाव सीमा पार कर चुका है। कुछ लोग अपने स्वार्थ के कारण सांसारिक सुखों की पूर्ति की इस प्रवृत्ति को सही ठहराने का प्रयास करते हैं। इसे ही आज सांस्कृतिक मार्क्सवाद कहा जाता है। ये लोग ऐसी अनैतिकता को अच्छा नाम देकर उसका समर्थन करते हैं। वे ऐसा इसलिए करते हैं, क्योंकि समाज में ऐसी अराजकता से उन्हें मदद मिलती है, और वे अपना वर्चस्व स्थापित कर सकते हैं।”