मुरैना। जनअशीर्वाद यात्रा शुक्रवार को मुरैना जिले की चार विधानसभाओं से गुजरेगी। जिस तरह मुख्यमंत्री इस चुनाव में नए-नए जिले बनाने की घोषणा कर रहे हैं, उससे सबलगढ़ के जिला बनने की उम्मीद भी जाग उठी है। सबलगढ़ को जिला बनाने के लिए लंबे समय से क्षेत्रीय लोग आंदोलन भी करते आ रहे हैं। इसके अलावा जौरा नगर परिषद के नगर पालिका और कैलारस के बंद पड़े शक्कर मिल के फिर से शुरू होने की आस है।
जन आशीर्वाद यात्रा बुधवार की देर रात सबलगढ़ पहुंची, जो गुरुवार जन्माष्टमी त्योहार के कारण बंद रही। शुक्रवार की सुबह सबलगढ़ से यह यात्रा शुरू होगी, जो जिले की चार विधानसभा सबलगढ़, जौरा, सुमावली और मुरैना के कई क्षेत्रों से होकर निकलेगी। शुक्रवार को जन आशीर्वाद यात्रा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा एवं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शामिल हो रहे हैं।
शुक्रवार को जन आशीर्वाद यात्रा
मुख्यमंत्री सबसे पहले जौरा विधानसभा के कैलारस में सभा को संबोधित करेंगे। जिसमें कैलारस शक्कर मिल को फिर से चालू करने एवं सबलगढ़ को जिला बनाने की घोषणा की उम्मीद जनता कर रही है। कैलारस के बाद जौरा में रथ यात्रा निकलेगी, जौरा को नगर पालिका का दर्जा देने की मांग स्थानीय नेता सीएम से कर रहे हैं।
जौरा के बाद सुमावली विधानसभा के मुंगावली में जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद शाम 7 बजे से मुरैना शहर के बैरियर से रोड शो शुरू होगा, जो मुख्य मार्गाें से होते हुए जीवाजीगंज पहुंचेगी, जहां मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री तोमर एवं वीडी शर्मा सभा को संबोधित करेंगे।
अटल प्रोग्रेस-वे पर छाए बादल छंटेंगे या नहीं?
साल 2018 के चुनाव से पहले मप्र सरकार ने चंबल संभाग के तीनों जिलों श्योपुर, मुरैना व भिंड से मेगा हाईवे निकालने के लिए चंबल एक्सप्रेस-वे का एलान किया। पहले यह एक्सप्रेस-वे चंबल नदी किनारे बीहड़ों में बनना था, लेकिन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल व पर्यावरण मंत्रालय ने बीहड़ में एक्सप्रेस-वे निर्माण को मंजूरी नहीं दी। पहले सर्वे के बाद एक्सप्रेस-वे के लिए जमीनों के अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई थी, जिसे बंद कर नया सर्वे बीते साल शुरू हुआ। दूसरा सर्वे जनवरी 2023 में पूरा हो गया, जिसके तहत बीहड़ क्षेत्र से दूर एक्सप्रेस-वे (अटल प्रोग्रेस-वे) को बनाने की योजना बनी।
जिला प्रशासन जमीन अधिग्रहण की तैयारियां कर ही रहा था, कि 30 मार्च को हुई एक वीडियो कान्फ्रेंस में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अटल प्रोग्रेस-वे ने अटल प्रोग्रेस-वे के दूसरे सर्वे को भी रद्द करते हुए कहा, कि इस सर्वे में किसानों की जमीन अधिक जा रही है, इसलिए नया सर्वे किया जाए जिसमें प्रोग्रेस-वे के लिए किसानों की जगह सरकारी जमीन का उपयोग हो। मुख्यमंत्री के इस आदेश पांच महीने हो गए, लेकिन सरकार ने अटल प्रोग्रेस-वे के नए सर्वे के लिए कोई आदेश जारी नहीं किए। जिसको लेकर उम्मीद की जा रही है।