विशेष सत्र के दूसरे दिन सांसद पुरानी संसद से निकलकर नए संसद पहुंचे। नए संसद भवन के पहले दिन ही केंद्र सरकार ने एतिहासिक फैसला लिया। सरकार ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश किया है। पिछले कुछ दिनों से लगातार कयास लगाए जा रहे थे कि मोदी सरकार महिलाओं को आरक्षण देने के लिए संविधान में संशोधन कर सकती है। मंगलवार को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा के पटल पर विधेयक को चर्चा के लिए। बिल पर कल चर्चा होगी।
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि चाहे नीति हो या नेतृत्व, भारत की नारी शक्ति ने साबित किया है कि वे किसी भी क्षेत्र में किसी से कम नहीं हैं। मोदी सरकार का मानना है कि नारी शक्ति के सहयोग और सामर्थ्य के बिना एक सशक्त और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण संभव नहीं है। शाह ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “चाहे नीति हो या नेतृत्व, भारत की नारी शक्ति ने साबित किया है कि वे किसी भी क्षेत्र में किसी से कम नहीं हैं। मोदी सरकार का मानना है कि नारी शक्ति के सहयोग और सामर्थ्य के बिना एक सशक्त और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण संभव नहीं है। देश की महिला शक्ति को उनका अधिकार देने वाला मोदी सरकार का यह निर्णय, आने वाले समय में एक विकसित और समृद्ध भारत के निर्माण का मुख्य स्तंभ बनेगा।“
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई संसद में कहा कि आज की नारी शक्ति के मन में ‘किंतु-परंतु’ का युग खत्म हो चुका है और उन्हें जितनी सुविधाएं दी जाएंगी, वे उतना ही सामर्थ्य दिखाएंगी। नए संसद भवन में राज्यसभा की कार्यवाही आरंभ होने के बाद अपने पहले संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने यह बात कही। उन्होंने लोकसभा में महिला आरक्षण संबंधी विधेयक पेश किए जाने का उल्लेख करते हुए सदन के सदस्यों से इसे सर्वसम्मति से पारित किए जाने का अनुरोध किया। उन्होंने यह भरोसा जताया कि देश जब आजादी की 100वीं वर्षगांठ मनाएगा तो वह ‘विकसित भारत’ होगा।
प्रधानमंत्री ने लोकसभा में महिला आरक्षण से संबंधित नारी शक्ति वंदन विधेयक पेश किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि नए संसद भवन में एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक फैसला लिया गया है और महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का प्रयास जीवन जीने की सुगमता और जीवन जीने की गुणवत्ता में सुधार का रहा है और जब यह बात की जाती है तो उसकी पहली हकदार महिलाएं होती हैं।