ताजा मामला बड़वारा मुख्यालय से लगे हुए ग्राम भुड़सा से आया है। पीड़ित अंजय चौधरी (21) निवासी ग्राम भुड़सा के पिता नरेश चौधरी ने बताया कि मोनू मेडिकल में सर्दी जुखाम की दवा लेने गया था। दुकान के संचालक ने दवा देने की जगह अजय चौधरी को इंजेक्शन लगा दिया। युवक के गर्दन व गले में सूजन आ गई। युवक की जुबान ही बंद हो गई। युवक के मुंह से आवाज आना तक बंद हो गई, जिससे युवक के परिजन घबरा गए। युवक को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़वारा पहुंचे। डॉक्टरों ने इलाज के नाम पर औपचारिकता दिखा कर गंभीर समस्या से ग्रसित युवक को जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
अधिकारियों ने नहीं की कार्रवाई
यह मामला तो संज्ञान में आ गया, लेकिन ऐसे कई मामले हैं जो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की अनदेखी व कार्रवाई न किये जाने से ठंडे बस्ते में दब जाते हैं। बड़वारा में ही बगैर डिग्री व प्रमाण पत्र न होने के बावजूद धड़ल्ले से कथित डॉक्टर लोगों की अवैध इलाज कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने इन पर कार्रवाई नहीं की, जिससे इनके हौसले बुलंद हैं।
जोखिम में पड़ रही जान
बड़वारा में पिछले एक साल के भीतर इस तरह की कई क्लीनिक आबाद हो गए। बीमार लोग मजबूरी में इनके पास पहुंच जाते हैं, जबकि इनके पास न तो सही बीमारी पकड़ने का कोई अनुभव होता है और न ही सही इलाज के तौर-तरीके। गंभीर बीमारियों की तो ये नब्ज भी नहीं पकड़ पाते। गलत इलाज की वजह से लोगों की जान जोखिम में पड़ जाती है।
इनका कहना है
प्रथम दृष्टया मुझे मरीज की बोलती बंद होने में दवा का रिएक्शन नजर नहीं आया। अगर दवा या इंजेक्शन का रिएक्शन हुआ होता, तो पांच मिनट में असर हो जाता। युवक की यह स्थिति दवा का उपयोग करने से काफी देर बाद हुई है। झोलाछाप अवैध डॉक्टरों के खिलाफ थाना प्रभारी और एसडीएम के संज्ञान में लाकर अवैध डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डॉ अनिल झांमनानी, बीएमओ बड़वारा