दिल्ली पुलिस ने विदेश से धन मिलने की जांच के सिलसिले में मंगलवार को समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने आतंकवाद रोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज एक मामले में समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ और उसके पत्रकारों से जुड़े 30 परिसरों पर मंगलवार को छापे मारे और बाद में उसके कार्यालय को सील कर दिया। ‘न्यूजक्लिक’ के खिलाफ यह कार्रवाई इस आरोप के बाद की गई है कि उसने चीन के समर्थन में प्रचार करने के लिए धन प्राप्त किया।
‘न्यूजक्लिक’ के संस्थापक एवं प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को ‘न्यूजक्लिक’ के दक्षिणी दिल्ली कार्यालय ले जाया गया जहां एक फोरेंसिक टीम मौजूद थी। सूत्रों ने बताया कि जिन व्यक्तियों से पूछताछ की गई है उनमें पत्रकार उर्मिलेश, औनिंद्यो चक्रवर्ती, अभिसार शर्मा और परंजय गुहा ठाकुरता के साथ ही इतिहासकार सोहेल हाशमी और सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एंड डेवलपमेंट के डी. रघुनंदन शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने विभिन्न मुद्दों से संबंधित 25 सवाल पूछे जिनमें उनकी विदेश यात्राओं, शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन, किसान आंदोलन आदि से संबंधित सवाल शामिल थे।
करीब छह घंटे की पूछताछ के बाद उर्मिलेश लोधी रोड स्थित विशेष प्रकोष्ठ कार्यालय से शाम करीब सवा चार बजे बाहर निकले। इस दौरान उन्होंने वहां एकत्र मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब नहीं दिया। इस दौरान उर्मिलेश ने कहा, ‘‘मैं कुछ नहीं बोलूंगा।” करीब एक घंटे बाद शर्मा जांच एजेंसी के दफ्तर से बाहर आये। उनके बाद रघुनंदन बाहर आये, जिन्होंने पत्रकारों को बताया कि उनसे ‘न्यूज़क्लिक’ के बारे में बहुत सामान्य प्रश्न पूछे गए।
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी ‘न्यूजक्लिक’ के वित्त पोषण के स्रोतों की जांच के तहत कंपनी के परिसरों पर छापे मारे थे। अधिकारियों ने कहा कि विशेष प्रकोष्ठ केंद्रीय एजेंसी से मिली जानकारी के आधार पर छापे मार रहा है। अधिकारियों ने बताया कि विशेष प्रकोष्ठ ने आतंकवादरोधी अधिनियम, यूएपीए के तहत एक नया मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि छापेमारी की कार्रवाई यूएपीए और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 153ए (दो समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत अगस्त में दर्ज किए गए एक मामले के आधार पर की गई। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने ‘न्यूजक्लिक’ के कुछ पत्रकारों के लैपटॉप और मोबाइल फोन जब्त किए हैं। विशेष प्रकोष्ठ के एक दल ने अभिसार शर्मा से नोएडा एक्सटेंशन स्थित उनके घर में पूछताछ की, जिसके बाद प्रकोष्ठ के अधिकारी उन्हें अपने साथ ले गये।
पुलिस द्वारा हिरासत में लिये जाने से पहले अभिसार शर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ‘‘दिल्ली पुलिस मेरे घर पहुंची। मेरा लैपटॉप और फोन ले लिया।” एक अन्य पत्रकार भाषा सिंह ने भी ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘अंतत: मेरे फोन से आखिरी ट्वीट। दिल्ली पुलिस मेरा फोन जब्त कर रही है।” हाशमी की बहन शबनम हाशमी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने आज सुबह छह बजे सोहेल हाशमी के घर छापा मारा। छह लोग घर में और शयन कक्ष में घुस आए।” उन्होंने आरोप लगाया कि सोहेल से दो घंटे पूछताछ की गई। उन्होंने दावा किया कि पुलिस कर्मियों ने उनका कम्प्यूटर, फोन, हार्ड डिस्क और फ्लैश ड्राइव (पैन ड्राइव) जब्त कर लिया।
पुलिस की कार्रवाई पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और भाजपा पर सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों के खिलाफ ‘‘बदले की कार्रवाई” में लिप्त होने का आरोप लगाया। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने छापों की कड़ी निंदा की और आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की “जबरन” कार्रवाई केवल उन लोगों के खिलाफ है जो सत्ता को सच बताते हैं, न कि नफरत और विभाजन फैलाने वालों के खिलाफ।
‘इंडिया नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस ‘इंडिया’ ने एक बयान में कहा कि सरकार ने सांठगांठ वाले पूंजीपतियों द्वारा मीडिया संगठनों के अधिग्रहण की सुविधा प्रदान करके मीडिया को अपने पक्षपातपूर्ण और वैचारिक हितों के मुखपत्र में बदलने की कोशिश भी की। वहीं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने पलटवार करते हुए कहा, ‘‘प्रेस के बारे में कांग्रेस का उपदेश देना शैतान का धर्मग्रंथों के बारे में उपदेश देने जैसा है।”
दिल्ली हाईकोर्ट ने अगस्त में ‘न्यूजक्लिक’ के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ से दिल्ली पुलिस की उस याचिका पर उनका रुख पूछा था, जिसमें कथित रूप से गैरकानूनी विदेशी धन मिलने के मामले में उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण देने के पहले के आदेश को रद्द करने की अपील की गई थी।
यह वेबसाइट भारत में चीन समर्थक प्रचार के लिए अमेरिकी करोड़पति नेविले रॉय सिंघम से कथित तौर पर धन प्राप्त करने को लेकर हाल में सुर्खियों में आई थी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री ठाकुर ने ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ की जांच का हवाला देते हुए हाल में दावा किया था कि ‘न्यूजक्लिक’ के धन के लेन-देन की जांच से ‘‘भारत विरोधी एजेंडे” का पता चला है।