उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने से लाचेन घाटी में तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई और सेना के करीब 23 जवान लापता हो गए हैं। इस तबाही के मंजर का याद करते हुए बुजुर्ग महिला मीरा ने बताया कि रात करीब एक बजे पुलिस की सीटी से नींद खुली। पुलिस कह रही थी कि,नदी का जल स्तर काफी बढ़ गया है। जल्दी से अपने-अपने घरों को खाली करके सुरक्षित जगह की ओर चले जाओ। इसके बाद हम किसी तरह रात के अंधेरे में अपना घर वार सब कुछ छोड़ कर गिरते पड़ते यहां पहुंचे।
महिला ने बताया कि हमें कुछ पता नहीं नहीं चल पाया कि यह सब क्या हो रहा है। जब तक हम समझ पाते तब तक नदी उफान पर थी। जो कपड़े ड़ाले थे केवल उन्हीं के साथ निकल पड़े। पता नहीं क्या होगा। हम कुछ भी सामान नहीं ला पाए। मेरा घर नदी के बिल्कुल किनारे पर है। लेकिन भगवान का शुक्र है कि मैं नातियों को लेकर यहां तक पहुंच पाई। चारों तरफ हाहाकार मची हुई है। हरकोई अपनों को खोज रहा है। कुछ भी समझ नहीं आ रहा है और लगातार बारिश हो रही है। हम पर मुसिबतों का पहाड़ टूट पड़ा है।
सभी स्कूल आठ अक्टूबर तक बंद
सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) के एक अधिकरी ने कहा, ‘‘बचाव एवं राहत प्रयासों के दौरान सिंगताम से तीन शव बरामद किए गए हैं।” एसएसडीएमए ने कहा कि ल्होनक झील के कुछ हिस्सों पर बादल फटने से बुधवार तड़के तीस्ता नदी बेसिन पर झील में अचानक जलस्तर बढ़ गया”, जिससे मंगन, गंगटोक, पाकयोंग और नामची जिलों में कई प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचा। शिक्षा विभाग ने एक परिपत्र में कहा कि सिक्किम के चार जिलों में सभी स्कूल आठ अक्टूबर तक बंद रहेंगे।
80 स्थानीय लोगों को बचाया गया
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि लाचेन घाटी के कई प्रतिष्ठान बाढ़ की चपेट में आए हैं। चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण झील में जलस्तर अचानक 15 से 20 फुट तक बढ़ गया। रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने बताया कि इससे सिंगताम के पास बारदांग में खड़े सेना के वाहन डूब गए। उन्होंने बताया कि सेना के 23 जवानों के लापता होने की खबर है और 41 वाहन कीचड़ में धंसे हुए हैं। तलाश एवं बचाव अभियान जारी है।
रक्षा अधिकारियों के अनुसार, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) बचाव अभियान चला रहा है और अभी तक 80 स्थानीय लोगों को बचा लिया गया है। गंगटोक जिले में सिंगताम पर बना एक पुल बुधवार को तीस्ता नदी में बाढ़ आने के कारण पूरी तरह से बह गया। इस पुल को इंद्रेणी पुल के नाम से भी जाना जाता है। 120 मीटर लंबा यह संस्पेंशन पुल तीस्ता नदी पर बना एक महत्वपूर्ण मार्ग था।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से की बैठक
मुख्यमंत्री पी एस तमांग ने तीस्ता नदी बेसिन में अचानक आई बाढ़ के कारण हुए नुकसान का आकलन करने के लिए सिंगताम का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने सिंगताम नगर पंचायत कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और उनसे स्थिति पर नजर रखने को कहा। तमांग ने कहा, ‘‘इस चुनौतीपूर्ण वक्त में, मैं इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से प्रभावित हुए सभी पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करना चाहता हूं।”
उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार जरूरतमंद लोगों को सभी आवश्यक सहायता और राहत उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। हम स्थिति की गंभीरता को समझते हैं और अपने नागरिकों की सुरक्षा एवं कुशलता सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव संसाधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। हमारे समर्पित दल इस आपदा से उत्पन्न चिंताओं और चुनौतियों से निपटने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।”