उज्जैन। इस बार शरद पूर्णिमा पर 28 अक्टूबर को खण्ड ग्रास चंद्र ग्रहण रहेगा। 28 व 29 अक्टूबर की दरमियानी रात 1 बजकर 5 मिनट से ग्रहण की शुरुआत होगी। ग्रहण काल एक घंटा 19 मिनट का रहेगा रात 2 बजकर 24 मिनट पर ग्रहण का मोक्ष होगा। ग्रहण के दौरान पूजा पाठ, मूर्ति स्पर्श आदि निषेध माने गए हैं। करीब 12 घंटे पहले ग्रहण का सूतक लग जाएगा, ऐसे में शहर में अधिकांश स्थानों पर धार्मिक कार्यक्रम व खीर प्रसादी का वितरण नहीं होगा।
14 अक्टूबर को हैं सूर्यग्रहण, पर भारत में नहीं दिखेगा
विश्व प्रसिद्ध डोंगला वेधशाला के खगोल शास्त्रीय घनश्याम रत्नानी ने बताया अक्टूबर माह में 15 दिन के अंदर दो ग्रहण का संयोग बन रहा है। इस प्रकार स्थित सालों में एक बार बनती है। खगोलीय गणना के अनुसार 14 अक्टूबर को सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण रहेगा। लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए इसके सूतक की मान्यता भी यहां नहीं रहेगी।
28 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण स्पष्ट रूप से दिखेगा
28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा के दिन होने वाला चंद्र ग्रहण संपूर्ण भारत सहित उज्जैन में भी स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी पूर्णकला पर होता है। इस दिन इसकी रोशनी अधिक होती और यह अधिक चमकदार दिखाई देता है।
ग्रहण के दौरान ज्योतिर्लिंग का स्पर्श निषेध
मध्य रात्रि में जब चंद्रमा अपनी पूर्ण कला पर होता है, उस समय चंद्रमा को ग्रहण लगेगा। महाकाल मंदिर में शुद्धि के बाद होगी भस्म आरती पंड़ित महेश पुजारी ने बताया महाकाल मंदिर में ग्रहण के दौरान ज्योतिर्लिंग का स्पर्श निषेध रहता है।
पुजारी गर्भगृह व नंदी मंडपम में बैठकर मंत्र जाप करते हैं। लेकिन शरद पूर्णिमा पर रात्रि में जिस समय चंद्र ग्रहण होगा, मंदिर के पट बंद हो जाएंगे। 29 अक्टूबर को तड़के 4 बजे पुजारी मंदिर को धोकर शुद्ध करेंगे। इसके बाद भस्म आरती की जाएगी।