इंदौर। रविवार देर रात को महू स्थित आर्मी वार कालेज में तेंदुए का मूवमेंट देखा गया। सीसीटीवी में कैद होने के बाद दिनभर वन विभाग और रालामंडल की रेस्क्यू टीम तेंदुए को खोजने में लगी रही। कुछ स्थानों पर पंजों के निशान मिले है। उसके आधार पर सोमवार रात को परिसर में एक पिंजरा लगाया, जिसमें तेंदुए को कैद करने के लिए बकरी भी रखी गई। इतना ही नहीं उसकी तस्वीर लेने के लिए पिंजरे के सामने ट्रैप कैमरा भी लगा दिया है। अधिकारियों के मुताबिक, तेंदुए की हलचल का पता लगाने के लिए परिसर में दो और स्थानों पर कैमरे पेड़ पर लगाए हैं।
अक्टूबर पहले सप्ताह से तेंदुए महू वनक्षेत्र के बड़िया, मांगलिया, आशापुर में ग्रामीणों को नजर आया है। 6 अक्टूबर को आशापुर में मेवशी पर हमला करते हुए भी तेंदुए कैमरे में कैद हुआ। उसके तीन दिन बाद आर्मी वार कालेज में तेंदुआ दिखा। 24 घंटे से वहां रहने वाले लोग काफी दहशत में है। सावधानी रखने के लिए लोगों को हिदायत दी गई है। यहां तक कि शाम 7 बजे बाद घरों से कोई भी बाहर नहीं निकल रहा है।
अधिकारियों के मुताबिक, आर्मी वार कालेज और आशापुरा के जंगल में दिखे तेंदुआ एक ही है या नहीं। इसके बारे में उसके पंजो के निशान और सीसीटीवी फुटेज से पता लगाएंगे। रेंजर वैभव उपाध्याय ने पिंजरे की निगरानी करने के लिए भी दो वनकर्मियों की ड्यूटी लगाई है। मंगलवार सुबह भी कुछ देर वनकर्मियों ने सर्चिंग की है।
22 तेंदुए महू में
इंदौर वनमंडल में तेंदुए की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। पांच साल पहले जहां पूरे वनमंडल में इनकी संख्या महज 35 थी, जो अब बढ़कर 65-70 के बीच पहुंच चुकी है। अकेले महू के जंगलों में 22 तेंदुए बताए गए है। एसडीओ कैलाश जोशी के मुताबिक, सालभर पहले वन्यप्राणियों की गिनती में तेंदुए की महू में 22 और मानपुर में 15 संख्या आई है। कुछ दिन पहले महू में आने वाले गांव के लोगों ने तेंदुए की जानकारी दी। उसमें सामने आया है कि महज 2 किमी के दायरे में दो मादा तेंदुए ने शावकों को जन्म दिया है। दोनों परिवार की संख्या आठ बताई गई।