Taste Of Indore: आलू की गरमागरम कचौरी पर हरी चटनी, प्याज और मिर्च का चटपटा अंदाज, इंदौर की जुबा पर है यह स्वाद
इंदौर। जब आप शहर के सबसे पुराने इंजीनियरिंग कालेज एसजीएसआइटीएस के बाहर से गुजरते हैं तो वहां एक कचौरी की दुकान पर लगी भीड़ आपका ध्यान खींच लेती है। यहां लगने वाली भीड़ केवल कालेज के विद्यार्थियों की नहीं है बल्कि शहर के उन लोगों की भी रहती है जो स्वाद के शौकीन हैं और वर्षों से यहां की कचौरी के पारंपरिक स्वाद को जुबां के साथ दिल-दिमाग में बसाए हुए हैं।
सभी सामग्री नापतौल कर डाली जाती है
अजय बताते हैं कि इस कचौरी में भरावन के लिए तैयार होने वाले आलू में नमक, थोड़ी सी शकर, हरी मिर्च, हरा धनिया डाला जाता है। इसमें सारा खेल सामग्रियों के नापतौल का ही है। कचौरी की चटनी हरा धनिया, पुदीना, पालक, दही और कुछ मसालों से तैयार की जाती है। यहां हरी चटनी के साथ लाल चटनी नहीं दी जाती, जबकि शहर में अधिकांश स्थानों पर यह दोनों ही चटनी कचौरी पर डालकर देने का चलन है।
परोसी जाने वाली गरमागरम कचौरी पर डली हरी चटनी उसके स्वाद को तो बढ़ा ही देती है साथ ही गर्माहट इतनी तो कम कर ही देती है कि खाने में ज्यादा दिक्कत न आए। स्वाद बढ़ाने की रही सही कसर प्याज पूरी कर देता है। सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक यहां कचौरी के शौकीनों का जमघट लगा रहता है। इसकी वजह कचौरी में कम मसालों के इस्तेमाल के बावजूद उसका अलहदा स्वाद जो है।