“दुर्गा पूजा में शिक्षकों की ट्रेनिंग सरकार का तुगलकी फरमान”, CM नीतीश पर भड़के गिरिराज, राज्यपाल से की मुलाकात
पटना: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह शनिवार को बिहार के शिक्षा विभाग के उस परिपत्र के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए राजभवन पहुंचे जिसमें शिक्षकों को 21 अक्टूबर तक दुर्गा पूजा की छुट्टियों से वंचित किया गया है। बिहार के बेगुसराय लोकसभा क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने इस संबंध में अपनी चिंता व्यक्त करने के लिए राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर से मुलाकात की और पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्य की नीतीश कुमार सरकार पर जमकर बरसे।
“हिंदू शिक्षकों की धार्मिक भावनाओं हुईं आहत”
गिरिराज ने कहा, “शिक्षा विभाग के राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा दुर्गा पूजा के दौरान शिक्षकों का आवासीय प्रशिक्षण आयोजित करने का निर्णय हिंदू शिक्षकों की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है। यह नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार का “तुगलकी फरमान” है जिसने हिंदू शिक्षकों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। मैंने आज इस संबंध में बिहार के राज्यपाल से मुलाकात की और इस मामले में उनसे हस्तक्षेप की मांग की।” एससीईआरटी के निदेशक सज्जन आर द्वारा 12 अक्टूबर को जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी एक परिपत्र में कहा गया है कि परिषद ने 16 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक शिक्षकों के छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण आयोजित करने का निर्णय लिया है।
“दुर्गा पूजा की छुट्टियों से वंचित हो जाएंगे शिक्षक”
बिहार के कई शिक्षक संगठनों ने एससीईआरटी के इस परिपत्र का विरोध किया है। उनका कहना है कि प्रशिक्षण कार्यक्रम से शिक्षक अधिकांश जिलों में 17 अक्टूबर से शुरू होने वाली दुर्गा पूजा की छुट्टियों से वंचित हो जाएंगे। सिंह ने शिक्षकों के आवासीय प्रशिक्षण को 21 अक्टूबर तक बढ़ाने के एससीईआरटी के परिपत्र को निरंकुश आदेश बताते हुए कहा, “बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू यादव पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को संरक्षण दे रहे हैं, भले ही उस पर प्रतिबंध लगा दिया गया हो। पीएफआई बिहार के कई जिलों में अपना आधार फैला रहा है तथा पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज में भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त है, लेकिन राज्य सरकार चुप्पी साधी हुई है।” केंद्रीय मंत्री ने कहा, “इसके अलावा, बेगुसराय सहित बिहार के कई जिलों में लव-जिहाद के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन बिहार की महागठबंधन सरकार तुष्टीकरण की राजनीति में लगी हुई है और कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।”