सागर। सेल्स टैक्स विभाग द्वारा आनलाइन बिजनेस करने वाली ईवान ग्रुप की तीन अन्य फर्मों पर सर्वे की कार्रवाई पूरी कर करीब ढाई करोड़ रुपये की टैक्स चोरी पकड़ी गई है। इनमें से तीन फर्मो द्वारा 90 करोड़ रुपये सेअधिक टैक्स जमा किया गया। इस तरह कटारिया परिवार की आठ फर्मो से करीब ढाई करोड़ रुपये टैक्स चोरी को वसूल किया गया है।
पिछले एक सप्ताह में ऑनलाइन व्यापार करने वाली फर्मो से जीएसटी टीम ने 5 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी को पकड़ा है। दो दिन पहले जीएसटी की सतना से आई टीम ने सागर के अधिकारियों के साथ कटारिया परिवार के ईवान ग्रुप पर सर्वे का काम शुरू किया था।
अमूमन इलेक्ट्रानिक्स गैजेट्स की आनलाइन बिक्री का काम करने वाली ग्रुप की 8 फर्मो पर एक साथ दबिश दी थी, जिसमें शनिवार को पांच फर्मो पर सर्वे की कार्रवाई पूरी कर यहां से करीब सवा करोड़ रुपये टैक्स व पेनल्टी वसूली गई थी। वहीं बालाजी प्रोवीजन, ईवान ट्रैडर्स और ईवान परफ्यूम पर सर्वे की कार्रवाई शनिवार देर रात तक जारी रही। ईवान ट्रेडर्स पर 34 लाख, रुपये , ईवान परफ्यूम पर 38 लाख रुपये और बाल जी प्रोविजन पर 27 रुपये की टैक्स चाेरी पाई गई। इस तरह यहां से करीब 90 लाख रुपये की टैक्स चोरी सामने आई है।
बिके माल का नहीं भरा रिटर्न
वाणिज्यिक कर विभाग के सतना वृत्त के उपायुक्त उमेश त्रिपाठी ने बताया कि फर्म पर शार्ट स्टाक मिला, यानी फर्म के ट्रेडिंग अकाउंट में दर्ज माल दुकान में नहीं पाया गया, अर्थात माल खरीदा तो गया, लेकिन उसे बेच कर उसका रिटर्न नहीं दिखाया गया। यह सब कारस्तानी टैक्स चोरी की नियत से की गई। कटारिया ग्रुप की 8 फर्मो पर 10 करोड़ का माल बगैर टैक्स चुकाए ही बेच दिया गया, जिसके बाद इस माल की कीमत पर 18 प्रतिशत जीएसटी और 15 प्रतिशत पेनाल्टी लगाकर करीब ढाई करोड़ रुपये चालान के माध्यम से भरवाया गया।
ई-कामर्स से लाखों की टैक्स चोरी
पिछले एक सप्ताह की बात करें तो सागर करीब 3 हजार आनलाइन कारोबार करने वाली फर्म जीएसटी में रजिस्टर्ड हैं। यह लोग दिल्ली, मुंबई से चाइना मेट या दूसरी लोकल कंपनी का माल खरीद कर लाते हैं और उन्हें दूसरे ब्रांड के नाम से बेचते हैं। सागर में आनलाइन कारोबार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जीएसटी की टीम ने पिछले एक सप्ताह में आनलाइन कारोबार करने वाली एक दर्जन फर्मो से ही पांच करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी पकड़ी है।
यह फर्मे इलेक्ट्रानिक्स गैजेट्स के छोटे-छोटे माल को बहुत ही चालाकी से बाहर से सागर मंगवाते हैं और ई-कामर्स कंपनियों के माध्यम इसकी बिक्री करती हैं। फोटो कैप्शन- कटारिया ग्रुप की फर्म पर सर्वे करते जीएसटी के अधिकारी।