इजरायल और हमास के युद्ध को आज ग्यारहवां दिन हो गया है। इजरायल की आर्मी और हमास के बीच चल रही कड़ी जंग ने अब भयानक रुप ले लिया है जिसके चलते हमास से जंग करने के लिए इजरायल ने अपनी स्पेशल फोर्स ‘सायरेत मतकल’ को मैदान में उतारा है। जंग में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भारत सरकार भी दिन- रात मेहनत कर रही है। इसी बीच राजस्थान के शेखावाटी स्थित लक्ष्मणगढ़ की रहने वाली आंचल चौधरी का बयान सामने आया है, जिसे सुनकर हर कोई डर जाए।
न्यूरोसाइंस की Phd करने गई थी
आपको बता दें कि आंचल चौधरी इजरायल में न्यूरोसाइंस में डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (Phd) करने गई थी। लेकिन युद्ध के कारण वे कुछ घंटे पहले ही वे इजरायल से लौटी हैं। आंचल ने जब वहां का आखों देखा हाल बताया तो सब हैरान हो गए। आंचल ने बताया की उसका हॉस्टल फिलिस्तीन की सीमा के नजदीक है, और हमास के आतंकी हॉस्टल के करिब पहुंच चुके थे। लेकिन उस वक्त आतंकियों और इजरायल की सेना में मुठभेड़ शुरू हो गई जो तकरीबन 45 मिनट तक चली। खुशकिस्मती से इजरायल की सेना ने सभी आतंकियों को एक के बाद एक मार गिराया था। आंचल और उसके साथ हॉस्टल में रहने वाले अन्य लोगों को मुठभेड़ का जब पता चला तो, सभी ने खुद को हॉस्टल में कैद कर लिया था। इस मुठभेड़ के खतम होने के बाद आंचल ने भारतीय दूतावास से संपर्क किया और अब सही सलामत भारत वापस लौट आई हैं।
शेल्टर होम में ले सकते हैं शरण
आपने इन्टरवुय के दौरान आंचल ने बताया कि इजरायल के जिन इलाकों में ज्यादा खतरा है, भारतीय दूतावास के अधिकारी वॉट्सएप के जरिए वहां रह रहे भारतीयों से कांटेक्ट कर रहे हैं और उन्हें सुरक्षित भारत लाने की तैयारी कर रहे है। आंचल ने साथ में यह भी बताया की जब इजरायल में कहीं मिसाइल अटैक की खबर आती है, तो लोगों के पास पहले ही अलर्ट आ जाता है। जगह-जगह शेल्टर होम होने की वहज से वहां रहने वाले लोग हमले के दौरान वहां शरण ले सकता है।
ऑपरेशन अजय’ है भारत की उमीद
आंचल ने आगे इजरायल की आर्मी की तरीफ करते हुए कहा की इजरायल की आर्मी वन ऑफ द बेस्ट आर्मी है। हम सब कॉन्फिडेंट थे कि हमें इजरायल की गवर्मेंट औऱ इजरायल की आर्मी कुछ होने नहीं देगी। भारतीय दूतावास से कांटेक्ट करते ही कुछ ही देर में उन सब को इंडियन गवर्नमेंट के लिंक मिले जिसमें फॉर्म फिल करते ही कन्फर्मेशन आ गयी। वे आगे कहती है की इंडियन गवर्नमेंट ने क्विक एक्शन लेते हुए ‘ऑपरेशन अजय’ के जरिए अपने सिटीजंस को इजरायल से निकाला है।
हमारी बच्ची कैसी होगी
मीडिया से बात करते हुए आंचल की मम्मी विमला महरिया ने मेरी बेटी इजरायल के वेस्ट बैंक में एरियल यूनिवर्सिटी में न्यूरोसाइंस की phd कर रही है। शनिवार 7 अक्टूबर को जब सुबह इजरायल पर हमले होने शुरू हुए तो मेरी बेटी ने मुझे लगभग 10:30 से 11:00 के बीच कॉल किया और कहा कि मम्मा मेरी दोस्त के घर के बाहर मिसाइल गिरा है। मैं एक स्कूल टीचर हूं, उस वक्त भी स्कूल में ही था। जब आंचल ने मुझे यह कहा कि मम्मा यह बहुत बड़ा हमला लग रहा है, तब मुझे बहुत चिंता होने लगी। मुझे लगा कि यह कोई बड़ा हमला नहीं है, क्योंकि इसराइल के आसपास के देश में दुश्मन ही है तो छोटी मोटी लड़ाई तो होती ही रहती थी। लेकिन ये एक बड़ा हमला था जिसकी किसी को कोई उम्मीद नहीं थी। जैसे जैसे दिन निकल ते गए हमारी चिंता भी वेसे बढ़ती गई। हम दिन रात बस टीवी के सामने बैठे रहते कि शायद कोई अच्छी खबर मिले। ड्यूटी करते वक्त भी हमरा ध्यान बस यहीं रहता कि अब क्या हो रहा है, हमारी बच्ची कैसी है। जब आंचल को 13 अक्टूबर को बहुत सारा समान और प्यार से ‘ऑपरेशन अजय’ के ज़रिये वापस लाया गया। उस वक्त हमारी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। जिस के लिए हम और हमारे जैसे बाकी माता-पिता के बच्चों और रिश्तेदारों को सही सलामत वापस लाने के लिए भारत सरकार का धनबाद करती हूं और आशा करती हूं के सब जल्दी ठीक हो जाए।