राजस्थान में चुनावी मौसम अब परवान चढ़ चुका हैं। नेताओं के बीच जारी जुबानी जंग, रोज उछलते नए जुमले और चुनावी सभाओं से सियासत की गर्मी का अंदाजा बखूबी लगाया जा सकता हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस, सभाओं और रैलियों का दौर भी लगातार जारी हैं। साथ ही टिकटों को लेकर पार्टियों में विरोध के स्वर भी सामने आ रहे हैं। कुछ लोग बागी रवैया अपना रहे हैं, तो वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो अब साथ पुरानी बाते भूलकर साथ आने का दावा कर रहे हैं। गुरूवार शाम पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने राजस्थान कांग्रेस में हाल ही में हुई घटनाओं को लेकर बड़ा बयान दिया। सचिन पायलट ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमारे बीच प्यार और स्नेह सबके बीच एक मिसाल बन गया हैं। इसी प्यार मोहब्बत से सब लोग डरे हुए और घबराए हुए हैं।
इस दौरान पायलट ने टिकट वितरण को लेकर भी बात की। पायलट ने कहा कि पिछले साल जो घटनाक्रम हुआ, उसमें कुछ लोगों पर पार्टी अनुशासनहीनता के आरोप लगे थे, तब किसी पर कार्यवाही हुई या नहीं हुई, लेकिन जीतने वाले जितने भी उम्मीदवारों के प्रपोजल आए, मैंने उसका खुले मन से स्वागत किया। किसी का भी विरोध नहीं किया। पायलट ने आगे कहा कि चाहे उस समय किसी ने सोनिया गांधी की अवमानना की हो फिर भी मैंने पार्टी हित में जो भी हो वहीं
किया। इससे बड़ा भाईचारे और प्यार का कोई प्रमाण नहीं हो सकता।
मुख्यमंत्री पद को लेकर पायलट ने दिया बड़ा बयान
बता दें कि गुरवार शाम सचिन पायलट दौसा पहुंचे थे। जहां उन्होंने प्रियंका गांधी की चुनावी रेली की तैयारियों का जायाजा लिया था। इस दौरान पायलट मीडिया से रूबरू हुए और चुनावी महौल और टिकट ऐलान के लिए बार की। गुरूवार को ही सुबह सीएम गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और कहा कि मुख्यमंत्री पद उन्हें नहीं छोड़ रहा। जब पायलट से गहलोत के इस बयान पर सवाल किया गया तो पायलट ने कहा कि उन्होंने क्या कहा मुझे इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन कौन किस पद पर बैठता है, इसका निर्णय कांग्रेस लीडरशिप तय करती है, कौन सा नेता किस पद पर संगठन में या सरकार में काम करेगा यह पार्टी नेतृत्व जो भी निर्णय करेगा वह सबको स्वीकार ही होगा।
बीजेपी में हो रही घबराहट- पायलट
इस दौरान पायलट ने बीजेपी पर भी जमकर हमला बोला। पायलट ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव में राजस्थान का कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष था और सब ने मिलकर मेहनत की तो राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी। इस बार भी हम सब मिलकर मेहनत कर रहे हैं, जिसके चलते बीजेपी में घबराहट है और आपसी टकराव और खींचतान भी भाजपा में हो रही हैं।