खंडवा । बेटी हुई तो एक निजी डाक्टर पति ने मेडिकल कालेज में कार्यरत अपनी नर्स पत्नी को घर से निकाल दिया। पत्नी से अपने वेतन से हर माह 10 हजार रुपये देने की मांग को लेकर उसे मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। नर्स करीब छह माह से अपने मायके में रह रही है। ससुराल पक्ष की प्रताड़ना से तंग आकर नर्स ने अपने डाक्टर पति और सास-ससुर पर दहेज का केस दर्ज करवाया। पुलिस ने मामले में जांच के बाद गुरुवार को आरोपित डाक्टर पति और उसके माता-पिता को गिरफ्तार किया। फरियादी नर्स ने अपने आवेदन में बताया कि मेरी शादी पांच साल पहले हुई थी।
शादी होने के बाद से ही ससुराल वाले मुझे तंग करने लगे और मेरे पति के साथ नहीं रहने दिया जा रहा था। मैं सरकारी नौकरी करती हूं और मेरे पति बड़वाह में निजी डाक्टर है। मुझे बेटी होने के बाद उनकी प्रताड़ना और बढ़ गई। सास-ससुर और ससुराल के अन्य लोग मुझसे मेरे वेतन में से हर माह 10 हजार रुपये देने की मांग करते थे, जबकि मेरा पति न मेरा ख्याल रखते है न मेरी बच्ची का, उसकी स्कूल की फीस से लेकर सारा खर्च मैं उठाती हूं। यदि मैं अपनी सैलरी भी उन्हें दूंगी तो बच्ची की परवरिश कौन करेगा।
मैं अपने पति के साथ अच्छे से रहना चाहती हूं, लेकिन मेरे ससुरालवाले हम दोनों के बीच झगड़ा करवाते हैं। मुझसे गाली-गलौच करते हैं। मैं अपने पति के जन्मदिन पर जब उनसे मिलने गई तो मेरी सास ने मुझे घर से भगा दिया। मैंने कहा कि इस घर में मुझे रहने के लिए कोई कमरा दे दो तो उन्होंने ये कहकर घर से निकाला कि पांच लाख रुपये हो तो घर में घुसना, दहेज में भी तू पुराना सामान लेकर आई थी।
हम लोगों ने रिश्तदारों के माध्यम से भी हर कोशिश कर ली, लेकिन ससुरवाले वाले कोई बात समझने को तैयार नहीं हैं। वेतन में से रुपये नहीं देने पर मुझे कहा जाता है कि नौकरी छोड़ दे। मेरा पति बच्ची पर ध्यान नहीं देता यदि मैं भी नौकरी छोड़ दूंगी तो उसकी परवरिश कैसे होगी। मामले में कोतवाली टीआइ बलरामसिंह राठौर ने कहा कि महिला की शिकायत पर उसके ससुरालवालों पर केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया है, चालान कोर्ट में पेश करेंगे।