सियाचिन ग्लेशियर पर ड्यूटी के दौरान शहीद अग्निवीर लक्ष्मण की फैमिली को मिलेगा कुल 1 करोड़ 13 लाख रुपये का मुआवजा, सेना ने समझाया कैसे?
दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध-क्षेत्र लद्दाख में सियाचिन ग्लेशियर पर ड्यूटी के दौरान भारतीय सेना के जवान गावते अक्षय लक्ष्मण शहीद हो गए। सेना की लेह स्थित ‘फायर एंड फ्यूरी कोर’ ने रविवार को यह जानकारी दी। काराकोरम पर्वतीय श्रृंखला में लगभग 20,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन हिमनद को दुनिया के सबसे ऊंचे सैन्यीकृत क्षेत्र के रूप में जाना जाता है जहां सैनिकों को अत्यधिक ठंड और तेज हवाओं से जूझना पड़ता है। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि लक्ष्मण की मौत का कारण क्या है।
वहीं, सेना ने शहीद गावते अक्षय लक्ष्मण के निधन पर शोक व्यक्त किया है और बताया है कि कैसे उनके परिवार को 1 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि मिलेगी। शहीद के परिजनों को मिलने वाले मुआवजे को लेकर आर्मी ने पोस्ट करते हुए एक्स पर लिखा, ‘अग्निवीर (ऑपरेटर) गावते अक्षय लक्ष्मण ने सियाचिन में कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. दुःख की इस घड़ी में भारतीय सेना शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है। मृतकों के परिजनों को वित्तीय सहायता के संबंध में सोशल मीडिया पर परस्पर विरोधी संदेशों के मद्देनजर…
मृतक के परिजनों को वित्तीय सहायता के संबंध में सोशल मीडिया पर परस्पर विरोधी संदेशों को देखते हुए, यह स्पष्ट करना महत्वपूर्ण है कि परिजनों को मिलने वाली परिलब्धियाँ सैनिक की सेवा के प्रासंगिक नियमों और शर्तों द्वारा शासित होती हैं।
अग्निवीरों की नियुक्ति की शर्तों के अनुसार, मृत युद्ध हताहत के लिए अधिकृत परिलब्धियों में शामिल होंगे:-
– गैर अंशदायी बीमा राशि, राशि ₹ 48 लाख।
– सेवा निधि में अग्निवीर (30%) का योगदान, सरकार द्वारा समान योगदान और उस पर ब्याज के साथ।
– ₹ 44 लाख की अनुग्रह राशि।
– मृत्यु की तारीख से 4 साल पूरे होने तक शेष कार्यकाल का भुगतान (तत्काल मामले में ₹13 लाख से अधिक)।
– सशस्त्र बल युद्ध हताहत कोष से ₹8 लाख का योगदान।
– AWWA की ओर से तत्काल ₹30 हजार की आर्थिक सहायता।