इंदौर। नवरात्रि पर्व के दौरान आखिरी दिन नवमी तिथि का विशेष महत्व होता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इन तिथि को देवी दुर्गा के महिषासुर मर्दिनी रूप की आराधना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया था। नवमी तिथि को मां दुर्गा के देवी सिद्धिदात्री स्वरूप को पूजा जाता है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, इस दिन देवी भगवती की आराधना करने जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
जानें कब शुरू होगी महानवमी तिथि
हिंदू पंचांग के मुताबिक, नवमी तिथि 22 अक्टूबर 2023 को शाम 07:58 बजे से शुरू हो जाएगी और नवमी तिथि का समापन 23 अक्टूबर शाम 05:44 बजे बजे होगा। इन दौरान देवी भक्तों को मां की विशेष आराधना करना चाहिए और मां महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत का जाप करना चाहिए। नवमी तिथि को मां सिद्धिदात्री को समर्पित माना गया है। मां सिद्धिदात्री इस तिथि को पूर्ण दिव्य शक्ति के साथ प्रकट हुई थी।
महानवमी तिथि पर ऐसे करें पूजा
महानवमी पर महिषासुर मर्दिनी और देवी सिद्धिदात्री की पूजा करें और देवी मां को उनके पसंद के पुष्प अर्पित करें। देवी को जरूर कुमकुम लगाएं। कन्या भोज में छोटी बच्चियों को हलवा-पूड़ी जरूर खिलाएं। इस दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ भी जरूर करना चाहिए। पूजा के आखिर में मंत्रोच्चार के साथ हवन करना चाहिए। आखिर में कपूर और लौंग की आरती से पूजा का समापन करें।
देवी दुर्गा प्रार्थना मंत्र का जाप करें
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
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