शिक्षा मंत्रालय ने पिछले दिनों साल में दो बार बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन का ऐलान किया था। तब से स्टूडेंट इस बात को लेकर कंफ्यूजन हैं कि क्या उन्हें दोनों ही बार परीक्षा देनी होगी। पहली बोर्ड परीक्षा में पास होने पर दूसरे परीक्षा नहीं दी तो क्या होगा। नई शिक्षा नीति के तहत एजुकेशन के क्षेत्र में कई अहम और बड़े बदलाव हो रहे हैं। इसमें अगर कहा जाए कि सबसे बड़ा परिर्वतन बोर्ड परीक्षाओं में होने जा रा है तो यह गलत नहीं होगा। दरअसल, हाल ही में अपडेट आई थी कि अब साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। इसका आशय यह है कि अब तक साल में होने वाली वार्षिक परीक्षाओं को समाप्त करके अब वर्ष में दो बार 10वीं और 12वीं के एग्जाम आयोजित किए जाएंगे। वहीं, इस संबंध में अब लेटेस्ट अपडेट क्या है? अब तक साल में होने वाली एक बार बोर्ड परीक्षाएं कब से दो बार होंगी। फिलहाल, इस दिशा में कहां तक काम पहुंचा है, इन सभी जरूरत बातों पर आइए डालते हैं एक नजर।
साल में दो बार बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन का ऐलान
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत शिक्षा मंत्रालय ने न्यू करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के तहत साल में दो बार बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन का ऐलान किया था। यह फ्रेमवर्क एग्जामिनेशन सिस्टम में बदलाव करने, बोर्ड एग्जाम को हौवा न बनाने के साथ-साथ स्टूडेंट के पास प्रतिशत को बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है। वहीं सीबीएसई बोर्ड, यूपी-बोर्ड, राजस्थान बोर्ड, एमपी बोर्ड समेत तमाम बोर्ड के स्टूडेंट में इस बात को लेकर कंफ्यूज है कि क्या बोर्ड परीक्षा में पास होने के बाद भी उन्हें बोर्ड द्वारा आयोजित दूसरी बोर्ड परीक्षा में भाग लेना होगा। अब स्टूडेंट के कंफ्यूजन पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि छात्रों के लिए साल में दो बार कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा देना अनिवार्य नहीं होगा। यह ऑप्शन मात्र स्टूडेंट के तनाव को कम करने के लिए किया गया है।
फिलहाल, इसकी सिफारिशों के अनुसार ही नए स्कूल पाठ्यक्रम को डिजाइन किया जा रहा है। अब हम कार्यान्वयन चरण में पहुंच गए हैं। यह जानकारी केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक मीडिया संस्थान के साथ बातचीत में दी है। उन्होंने कहा है कि कक्षा III से VI, कक्षा IX और XI के लिए नई पाठ्यपुस्तकें 2024-25 शैक्षणिक सत्र के लिए और बाकी अन्य के लिए साल 2025-26 में तैयार होंगी। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि साल में दो बार होने वाली बोर्ड परीक्षाओं पर मीडिया संस्थान से बात करते हुए कहा कि यह प्रारूप शैक्षणिक वर्ष से 2024-25 शुरू किया जाएगा। इसका मतलब है कि दसवीं और बारहवीं कक्षा के लिए 2025 की बोर्ड परीक्षाओं से यह अपनाया जाएगा, जो अब से लगभग डेढ़ साल बाद है।
बेस्ट स्कोर को किया जाएगा शामिल
फिलहाल, में बोर्ड परीक्षाएं प्रतिवर्ष दसवीं और बारहवीं कक्षा के अंत में आयोजित की जाती हैं। इसमे बदलाव कतरे हुए अब साल में प्रत्येक परीक्षा दो बार आयोजित करने की तैयारी है। हालांकि, यह छात्रों के लिए वैकल्पिक होगा। तैयारी के आधार पर, एक छात्र एक या दो बार परीक्षा दे सकता है। छात्र-छात्राओं पर कोई बाध्यता नहीं होगी। स्टूडेंट्स का, जो बेस्ट स्कोर होगा उसको ही मार्कशीट में शामिल किया जाएगा। इससे बच्चों पर एक परीक्षा के तनाव का दबाव कम होगा।