नई दिल्ली: आने वाले समय में तांबे के प्रोडक्ट्स, इम और टिन कंटेनर ज्यादा अच्छी क्वालिटी में उपलब्ध होंगे। सरकार ने घटिया सामान के इम्पोर्ट पर अंकुश लगाने और घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए इन प्रोडक्ट्स के लिए जरूरी स्टैंडर्ड जारी किए हैं। इस मामले में उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डी.पी.आई.आई.टी.) ने बीते 20 अक्तूबर को नोटिफिकेशन भी जारी कर दिए हैं।
प्रोडक्ट्स पर बी. आई. एस. सिम्बल होगा जरूरी
नए आदेश में अब सामानों का प्रोडक्शन, बिक्री, कारोबार, इम्पोर्ट और भंडारण तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि उन पर भारतीय मानक ब्यूरो (बी.आई.एस.) का सिम्बल न हो। नए आदेश नोटिफिकेशन की तारीख से अगले 6 महीने के लिए लागू होंगे।
बता दें, तांबे (कॉपर) और इसकी मिश्र धातुओं का इस्तेमाल बिजली उत्पादन, बिजली डिस्ट्रीब्यूशन, टेलीकॉम, विद्युत सर्किट और कई डिवाइस में किया जाता है, इसलिए तांबे के प्रोडक्ट्स को बैस्ट क्वालिटी का होना चाहिए और किसी भी कीमत पर शुद्धता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए
इन्हें समय-सीमा में मिली है छूट
नए आदेश में तांबे के 9 प्रोडक्ट्स में इलैक्ट्रिकल एप्लीकेशंस के लिए तार की छड़ें शामिल हैं, कंडेनसर और हीट एक्सचेंजर्स के लिए ठोस तांबे व तांबे की ट्यूब, फ्रिज और एयर कंडीशनिंग के लिए इस्तेमाल होने वाली तांबे की ट्यूब भी इसके तहत आती हैं।
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डी.पी.आई.आई.टी.) ने कहा कि घरेलू लघु/सूक्ष्म उद्योगों की सुरक्षा के लिए, क्यू.सी. ओ. गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के सही क्रियान्वयन, व्यापार करने में आसानी को सुनिश्चित करने के लिए, लघु/ सूक्ष्म उद्योगों को समय- सीमा के संबंध में छूट दी गई है, लघु उद्योगों को अतिरिक्त तीन महीने औ सूक्ष्म उद्योगों को अतिरिक्त छह मही का समय दिया गया है।
नहीं माना आदेश तो होगा एक्शन
डी.पी.आई.आई.टी., बी.आई.ए और हितधारकों के परामर्श से क्यू. सी. अ को नोटिफाई करने के लिए प्रमुख प्रोडक की पहचान कर रहा है। इसके तहत प्रोडक्ट्स स्टैंडर्ड को कवर करने वाले से ज्यादा नए क्यू. सी. ओ. को तैयार क शुरू किया गया है। बी.आई.एस. अधिनियम के प्राव का उल्लंघन करने पर पहली बार आ करने पर 2 साल तक की कैद या से कम 2 लाख रुपए का जुर्माना हो रु है। दूसरी बार और उसके बाद के आ पर जुर्माना बढ़कर न्यूनतम 5 लाख हो जाएगा और माल या वस्तुओं के के 10 गुना तक बढ़ जाएगा।