इंदौर। इस साल करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर बुधवार को रखा जाएगा। यह व्रत विवाहित महिलाएं अपने सुखी वैवाहिक जीवन के लिए और अविवाहित लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए करती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से पति-पत्नी के रिश्ते में मधुरता बनी रहती है। करवा चौथ के व्रत में कई नियमों का ध्यान रखा जाता है। आज हम आपको करवा चौथ से जुड़े कुछ नियम बताने जा रहे हैं, जिनका पालन नहीं किया जाए, तो आपका व्रत पूरा नहीं माना जाता है।
न करें ये कार्य
करवा चौथ का व्रत सुबह होने तक निर्जला रखा जाता है। ऐसे में इस दौरान भूलकर भी भोजन या पानी का सेवन न करें, अन्यथा आपका व्रत टूट जाएगा और आपको व्रत का फल नहीं मिलेगा। इसके अलावा करवा चौथ के दिन सरगी का सेवन सूर्योदय से पहले करना चाहिए। सरगी में तेल या मसाले वाली चीजें नहीं होनी चाहिए।
इस समय करें पारण
चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही करवा चौथ का व्रत खोला जाता है। ऐसे में भूलकर भी चांद देखकर अपना व्रत न तोड़ें। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद आप अपने पति के हाथों से पानी पीकर व्रत खोल सकती हैं।
इन चीजों का न करें दान
करवा चौथ का व्रत अखंड सौभाग्य के लिए रखा जाता है। व्रत के दिन सुहाग से जुड़ी वस्तुएं जैसे-सिंदूर, बिंदी, चूड़ी, महावर, मेंहदी आदि जरूर पहनें। साथ ही स्वयं उपयोग की गई सुहाग की वस्तुओं को किसी को भी दान में न दें।
इस समय न सोएं
करवा चौथ व्रत के दौरान दिन में सोना शुभ नहीं माना जाता है। इससे आपके व्रत में विघ्न भी आ सकता है। लेकिन अगर किसी को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी है, तो ऐसी स्थिति में वह इस नियम में ढील दे सकता है।
सास को दें ये चीजें
करवा चौथ के दिन पूजा के बाद बहुएं अपनी सास को पूजा और सुहाग सामग्री देती हैं, साथ ही उनसे अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद लेती हैं। ऐसे में इस दिन अपनी सास को पूजा और सुहाग की सामग्री जरूर दें।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’