लखनऊ : मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह इतने बेहतरीन गेंदबाज हैं कि भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे को उनसे तकनीक संबंधित चर्चा की जरूरत नहीं पड़ती जिससे उनके बीच बातचीत केवल रणनीतिक ही होती है। शमी और बुमराह ने रविवार को इंग्लैंड के खिलाफ विश्व कप में मिली 100 रन की जीत में शानदार गेंदबाजी की जिससे भारतीय टीम लगातार छठी जीत हासिल करने में सफल रही।
बुमराह और शमी दोनों गेंदबाजों ने दूधिया रोशनी में पिच का पूरा फायदा उठाया और म्हाम्ब्रे का कहना है कि दोनों ही अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में हैं जिससे उन्हें तकनीकी पहलू पर कुछ भी बताने की जरूरत नहीं रहती। टीम संयोजन के कारण शमी पहले चार मैच में नहीं खेल सके लेकिन न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें अंतिम एकादश से बाहर नहीं रखा जा सकता है।
म्हाम्ब्रे ने कहा, ‘जब टीम में आपके पास इतना कौशल रखने वाले खिलाड़ी हैं तो आपको वास्तव में इसके बारे में चर्चा करने की जरूरत नहीं पड़ती। ये खिलाड़ी इतना क्रिकेट खेल चुके हैं जिससे वे पूरी तरह समझते हैं कि टीम को उनसे किस चीज की जरूरत है।’ उन्होंने कहा, ‘काश मैं यह कह पाता कि हमने इसके लिए टीम में चर्चा की थी और इसकी योजना बनाई थी। हमारी टीम में इतने बेहतरीन गेंदबाज हैं और वे इतने अनुभवी हैं कि इससे मेरा काम आसान हो जाता है।’
पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज ने रविवार को जीत के बाद कहा, ‘इस स्तर पर यह खिलाड़ी प्रबंधन की बात है। वे काफी क्रिकेट खेल चुके हैं, वे सब चीज समझते हैं। मुझे तकनीक के बारे में ज्यादा बताने की जरूरत नहीं पड़ती, बस रणनीति के बारे में ही बात होती है। इसमें भी कार्यान्वयन अहम होता है और इसके लिए श्रेय उन्हें जाता है।’
बुमराह और शमी के शानदार शुरुआती स्पैल से इंग्लैंड ने 230 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 39 रन पर चार विकेट गंवा दिये थे, इसके बारे में बात करते हुए म्हाम्ब्रे ने कहा कि उस समय विकेटों की जरूरत थी और इन दोनों गेंदबाजों ने टीम को विकेट दिलाये। उन्होंने कहा, ‘बुमराह और शमी का शुरूआती स्पैल मैच के लिहाज से काफी अहम था, हम छोटे लक्ष्य का बचाव कर रहे थे।’
म्हाम्ब्रे को लगता है कि भारत को 30-40 रन और बनाने चाहिए थे, उन्होंने कहा, ‘पावरप्ले में विकेट सपाट हो गया था। उन्होंने जिस तरह की गेंदबाजी कर विकेट झटके, उससे हमारी नींव बनी। इसके बाद से मैच का रूख हमारी ओर बढ़ गया।’ टूर्नामेंट में पहली बार भारत ने पहले बल्लेबाजी की जिसमें रोहित शर्मा और सूर्यकुमार यादव को छोड़कर ज्यादातर बल्लेबाज रन गति बढ़ाने के प्रयास में आउट हो गए।
गेंदबाजी कोच का कहना है कि टीम बचे हुए तीन लीग मैचों से पहले कुछ चीजों में सुधार कर सकती है। उन्होंने कहा, ‘हर किसी को यहां बल्लेबाजी का मौका मिला, जो अहम था। विराट, रोहित और शुभमन जिस तरह से खेल रहे हैं, मध्यक्रम को बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला। हालांकि केएल राहुल को चेन्नई में मौका मिला था। इसलिए सभी के लिए मौका मिलना अहम था और यह एक ऐसा ही मैच था।’
म्हाम्ब्रे ने कहा, ‘लेकिन गेंद बल्ले पर नहीं आ रही थी, जिससे परिस्थितियां बल्लेबाजी के लिए मुश्किल थी। इसके बावजूद वे अच्छा खेले। मुझे लगता है कि कुछ चीजों में सुधार की जरूरत है।’ स्टार आलराउंडर हार्दिक पांड्या बांग्लादेश के खिलाफ लगी टखने की चोट के कारण पिछले दो मैच नहीं खेल सके। वह इस चोट से उबर रहे हैं और उन्हें सेमीफाइनल से पहले चयन के लिए उपलब्ध होना चाहिए। म्हाम्ब्रे ने हार्दिक की वापसी के संबंध में ज्यादा जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा, ‘चिकित्सीय टीम देखभाल कर रही है और हार्दिक और एनसीए के साथ पूरी तरह संपर्क में है। दो दिन में हमें अपडेट मिलने की उम्मीद है।’ हार्दिक की अनुपस्थिति में भारत को अंतिम एकादश में दो बदलाव करने के लिए बाध्य होना पड़ा।