चुनावों के दौरान राजस्थान का त्रिपुरा सुंदरी मंदिर हर किसी का पसंदीदा, ग्राम प्रधानों से लेकर मंत्रियों तक की जुड़ी है आस्था
बांसवाड़ा। चाहे कोई भी शुभ काम हो हम बिना भगवान का आशीर्वाद लिए उस काम को शुरू नहीं करते हैं। कोई परीक्षा देना हो या कोई विशेष काम हो बिना भगवान के सामने नतमस्तक हुए हम उस कार्य शुभारंभ नहीं करते हैं। नेता भी चुनाव हो या नामांकन भरना हो सबसे पहले वह जिन भी देवी-देवता में विश्वास रखते हैं उनसे वह आशीष लेते हैं। इसी कड़ी में चुनाव के समय राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में स्थित ‘मां त्रिपुरा सुंदरी’ के नाम से प्रसिद्ध मंदिर नेताओं का पसंदीदा बन जाता है।
चुनाव के करीब आते ही दैवीय आशीर्वाद लेने वाले सभी नेता ‘मां त्रिपुरा सुंदरी’ का दर्शन करना चाहते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को मंदिर की देवी मां त्रिपुर सुंदरी में दृढ़ विश्वास रखने वाला माना जाता है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि भक्त सत्ता या “साम्राज्य” (साम्राज्य) चाहने वाले लोगों की मदद करते हैं। इस मंदिर को लेकर बताया जाता है कि ग्राम प्रधानों से लेकर मंत्रियों तक सभी पार्टियों के राजनेता उमराई गांव में त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में नियमित रूप से आते हैं
नेता ले रहे ‘मां त्रिपुरा सुंदरी’ का आशीर्वाद
मंदिर के पुजारी निकुंज मोहन पंड्या ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि मां त्रिपुरा सुंदरी ‘साम्राज्य’ चाहने वाले भक्तों को आशीर्वाद देती हैं यानी विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक लोग मंदिर में आयें दिन देखे जा सकते हैं। इस वर्ष मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य के कई मंत्री भी मंदिर का दौरा कर चुके हैं।
जिला मुख्यालय से 14 किमी की दूरी पर स्थित है मंदिर
बांसवाड़ा जिला मुख्यालय से 14 किमी की दूरी पर स्थित, त्रिपुरा सुंदरी मंदिर सदियों पुराना बताया जाता है, लेकिन इसकी स्थापना की सही तारीख स्पष्ट नहीं है। कहा जाता है कि पहले मंदिर के चारों ओर शक्तिपुरी, शिवपुरी और विष्णुपुरी नामक तीन किले हुआ करते थे और किलों के मध्य में स्थित होने के कारण देवी भगवती का नाम त्रिपुर सुंदरी पड़ा।