इंदौर। रमा एकादशी का व्रत हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है। पौराणिक मान्यता है कि रमा एकादशी का व्रत रखने से ब्रह्महत्या सहित कई पापों से मुक्ति मिल जाती है। रमा एकादशी का व्रत करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। पंडित चंद्रशेखर मलतारे से जानें इस एकादशी व्रत के बारे में विस्तार से –
जानें कब है रमा एकादशी व्रत
पंचांग के अनुसार, रमा एकादशी व्रत 9 नवंबर को रखा जाएगा, जो सुबह 8.23 मिनट पर शुरू होगा और 9 नवंबर को सुबह 10.41 मिनट पर समाप्त होगी। पंचांग के मुताबिक, उदया तिथि में होने के कारण रमा एकादशी का व्रत 9 नवंबर को रखा जाएगा। पारण का समय 10 नवंबर को सुबह 6.39 मिनट से लेकर 8.50 मिनट के बीच होगा।
रमा एकादशी पर ऐसे करें पूजा
- सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।
- भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक कराएं।
- रमा एकादशी व्रत का संकल्प लें।
- भगवान विष्णु की पूजा विधि विधान के साथ करें।
- पूजा में धूप, दीप, नैवेद्य, पुष्प अर्पित करें।
- विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें
- रमा एकादशी की व्रत कथा पढ़ें।
- ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद दान दें।
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