जबलपुर। पश्चिम मध्य रेलवे जोन से लेकर जबलपुर, भोपाल और कोटा रेल मंडल में चल रहे भ्रष्टाचार और घूसघोरी करने वालों को पकड़ने वाला विजलेंस विभाग दो इंस्पेक्टरों के रिक्त पद भरने के लिए तीनों मंडल से आवेदन मांगवाए गए। लगभग 64 लोगों ने इस पद पर आने की मंशा जाहिर की है। इनमें कई नए उम्मीदवार हैं तो कई पुराने हैं, जो पहले भी विजलेंस का हिस्सा रह चुके हैं। उन्होंने दोबारा आने की मंशा रखकर आवेदन किया है। गुरुवार को इन पदों की लिखित भर्ती परीक्षा होने जा रही है, जो सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक चलेगी। सूत्रों की मानें तो पश्चिम मध्य रेलवे के विजलेंस विभाग के कुछ अधिकारियों ने पुराने और चहेतों को लाने के लिए तैयारी की है। इस वजह से इसके लिए आज होने जा रही विभागीय लिखित परीक्षा में भी गड़बड़ी का अंदेशा है।
स्टेशन मास्टर से लेकर टीटीई ने किया आवेदन
विजलेंस विभाग में रेलवे का हर कर्मचारी आना चाहता है, लेकिन मौका सिर्फ उन्हें ही मिलता है, जो भ्रष्टाचार, लापरवाही या फिर घूसघोरी जैसे मामलों में शामिल न रहे हैं। यही वजह है कि जबलपुर, भोपाल और कोटा रेल मंडल में हजारों कर्मचारियों में से सिर्फ 64 ने ही विजलेंस इंस्पेक्टर पद के लिए आवेदन किया। इनमें रेलवे स्टेशन मास्टर से लेकर स्टेशन अधीक्षक टीटीई और गुड्स ट्रेन मैनेजर, मुख्य वाणिज्यिक लिपिक, सीसीआरएस हैं। इनमें जबलपुर मंडल से ही 10 रेल कर्मचारी हैं। इनमें रामअवतार मीना, प्रभांशी विश्वकर्मा, पवन नेमा, रवि शर्मा, विवेक तिवारी, प्रमोद शर्मा, नाथूलाल वर्मा, केशव लाल बैरवा, शैलेश कुमार शिवहरे और अनुपम मारकस हैं।
आचार संहिता के बीच परीक्षा पर सवाल
इन दिनों विधानसभा चुनाव चल रहे है। इसे देखते हुए जहां एमपी पीएससी ने अपनी परीक्षा की तिथि आगे बढ़ा दी है तो वहीं पश्चिम मध्य रेलवे के विजलेंस विभाग रिक्त पदों पर भर्ती करने आ परीक्षा करा रहा है। इसको लेकर रेलवे जोन से मंडल तक चर्चा हो रही है। रेलवे के आला अधिकारियों को भी यह समझ नहीं आ रहा कि आखिर ऐसी कौन सी वजह है जब चुनाव आचार संहिता के दौरान यह परीक्षा आयोजित की जा रही है। हालांकि अब इस परीक्षा के अायोजन को लेकर भी शिकायत शुरू हो गई है।